मीडिया ग्रुप, 11 मार्च, 2022
उत्तर प्रदेश की सत्ता पर चार बार काबिज होने वाली बसपा इस बार यूपी के मुकाबले उत्तराखंड में ज्यादा मजबूती से उभरकर सामने आई है। दो सीटों पर जीत के साथ ही उत्तराखंड में बसपा का 2017 का सूनापन भी दूर हो गया। हालांकि, प्रदेश में बसपा का वोट शेयर 2017 के मुकाबले और नीचे चला गया।
उत्तराखंड में बसपा का इतिहास देखें तो वोट शेयर की स्थिति काफी हद तक स्पष्ट है। मैदानी जिलों में बहुजन समाज पार्टी का वोट प्रतिशत चुनाव दर चुनाव बढ़ता रहा। हालांकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को काफी नुकसान हुआ और वोट प्रतिशत 6.98 प्रतिशत पर चला गया। 2002 के विस चुनाव में बसपा को प्रदेश में 10.93 प्रतिशत वोट मिले थे। 2007 के चुनाव में यह आंकड़ा 11.76 प्रतिशत पर पहुंच गया।
2012 के चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़कर 12.99 प्रतिशत पर पहुंचा, लेकिन 2017 के चुनाव में पार्टी का न केवल वोट प्रतिशत गिरा बल्कि कोई भी प्रत्याशी विधानसभा नहीं पहुंच पाया था। 2022 के चुनाव में बसपा के दो प्रत्याशी जीते। लक्सर में जहां मोहम्मद शहजाद जीते तो वहीं मंगलौर सीट पर सरवत करीम अंसारी जीते। हालांकि, बसपा का वोट प्रतिशत इस बार 4.83 के आसपास पहुंच गया है।
2002 में बने बसपा विधायक–
- चौधरी यशवीर सिंह – इकबालपुर
- हरिदास – लंढौरा
- निजामुद्दीन – मंगलौर
- मोहम्मद शहजाद – बहादराबाद
- तस्लीम अहमद – लालढांग
- प्रेम चंद्र महाजन – पंतनगर गदरपुर
- नारायण – सितारगंज
2007 में बने विधायक –
- चौधरी यशवीर सिंह – इकबालपुर
- हरिदास – लंढौरा
- काजी मोहम्मद निजामुद्दीन – मंगलौर
- मोहम्मद शहजाद – बहादराबाद
- सुरेंद्र राकेश – भगवानपुर
- तस्लीम अहमद – लालढांग
- प्रेमचंद्र महाजन – पंतनगर गदरपुर
- नारायण – सितारगंज
2012 में बने विधायक –
- सरवत करीम अंसारी – मंगलौर
- सुरेंद्र राकेश – भगवानपुर
- हरिदास – झबरेड़ा
2022 में बने विधायक –
- मोहम्मद शहजाद – लक्सर
- सरवत करीम अंसारी – मंगलौर