डिजिटल उत्तराखंड : पुलिस भी हुई डिजिटल, अब विवेचनाएं भी होंगी ऑनलाइन

मीडिया ग्रुप, 02 मार्च, 2022

काशीपुर। उत्तराखंड पुलिस का कामकाज अब पूरी तरह से डिजिटल होने जा रहा है। एफआईआर ऑनलाइन होने के बाद इसी साल से मुकदमों की विवेचना भी कंप्यूटराइज्ड कर दी गई है। इसके लिए दरोगाओं को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस सिस्टम से जहां विवेचना का कार्य पारदर्शी होगा। वहीं मुकदमों से संबंधित रिकार्ड सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी।

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद समय-समय पर पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए तमाम प्रयास होते रहे हैं। विभाग ने पारदर्शिता के मूलमंत्र को अपनाते हुए एफआईआर पहले ही ऑनलाइन कर दी है। अब मुकदमों और उनसे जुड़ी कार्रवाई भी ऑनलाइन होने जा रही है। विवेचना को और अधिक सरल व पारदर्शी बनाने के मकसद से विभाग ने यह पहल की है। विवेचना के लिए दरोगाओं को टैबलेट मुहैया कराए जा रहे हैं।

कंप्यूटराइज्ड विवेचना से जहां मुकदमों में डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा, वहीं टाइपशुदा होने पर ट्रायल के दौरान केस डायरी को पढ़ने में आसानी होगी। मौजूदा व्यवस्था में विवेचक को मैनुअल लिखापढ़ी करनी पड़ती है। यह लंबी और जटिल प्रक्रिया है। इसमें गलती की गुंजाइश बहुत रहती है।

इसके चलते कई बार अभियोजन पक्ष को असहज स्थित का सामना करना पड़ता है। हस्तलिखित केस डायरी पढ़ने के साथ ही दस्तावेज भी सुरक्षित नहीं रख पाने की भी चुनौती रहती है।

सीसीटीएनएस सिस्टम पर विवेचना अधिकारी कापी, कट, पेस्ट कर केस डायरी में नकल चिक, नकल रपट, बयान वादी आसानी से दर्ज कर सकते हैं। फर्द बरामदगी आदि को लेकर भी इसमें पारदर्शिता रहेगी।

एसपी चंदमोहन ने बताया कि विवेचना के दौरान उच्चाधिकारी दरोगाओं की ओर से की जा रही विवेचनाओं की समीक्षा भी कर सकेंगे और विवेचक को इस बारे में जरूरी हिदायतें भी दे सकेंगे। जिले के सभी थानों में सिस्टम अपलोड किया जा चुुका है।

कंप्यूटराइज्ड विवेचना के लिए चरणबद्ध ढंग से दरोगाओं को रुद्रपुर में सीसीटीएनएस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले के अधिकतर थाना क्षेत्रों में एक जनवरी के बाद दर्ज हुए मुकदमों की ऑनलाइन विवेचना शुरू हो गई है। हालांकि कुछ दरोगाओं को टैबलेट में अभी फोंट अपलोड किए जा रहे हैं।

चंदमोहन सिंह, एसपी काशीपुर ने कहा – ऊधमसिंह नगर में मुकदमों की विवेचना का काम भी ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए दरोगाओं को सीसीटीएनएस सिस्टम की ट्रेनिंग दी जा रही है। इस व्यवस्था से विवेचना के काम में पारदर्शिता आएगी और वादी को भी सुविधा रहेगी।