मीडिया ग्रुप, 26 फ़रवरी, 2022
एमकॉम डिग्री होल्डर युवक फर्जी वीजा बनाकर लोगों को ठगने में लगा हुआ था। वसंतकुंज पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी कनाडा व यूएस का वीजा बनाता था और एक फर्जी वीजा बनाने के साढ़े चौदह लाख रुपये लेता था। आरोपी करीब तीन वर्षों से ठगी करने में हुआ था।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वह 100 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है। आरोपी के पास से पीड़ितों के 16 पासपोर्ट, यूरोपीय देशों की एक स्टाम्प, लैपटाप, पैनड्राइव और क्रेडिट कार्ड बरामद किया है। दक्षिण-पश्चिमी पुलिस अधिकारियों के अनुसार, हैदराबाद निवासी शालिनी नेलावाला ने वसंतकुंज(साउथ) थाना पुलिस को 19 फरवरी को शिकायत दी थी कि वह हैदराबाद में एक कंसल्टेंसी एजेंसी चलाती है और उसका इमीग्रेशन का व्यवसाय है।
जनवरी,2022 में उसकी यूके का टियर-5 वर्क वीजा बनाने के उद्देश्य से फेसबुक के माध्यम से एक एजेंट रामसब्बू (27) के संपर्क में आई। आरोपी ने उसे घिटोरनी का पता दिया। एक वीजा के लिए साढ़े चार लाख रुपये में सौदा तय हो गया। महिला ने इसको कुल आठ वीजा दे दिए। आरोपी महिला से महिपालपुर स्थित होटल से साढ़े चार लाख रुपये व पासपोर्ट ले गया।
आरोपी ने पीड़िता का एक पासपोर्ट का यूके का वीजा भेजा। महिला ने इस वीजा को इमीग्रेशन से चैक करवाया तो पता लगा कि वह फर्जी है। मामला दर्जकर एसीपी अजय वेदवाल की देखरेख में एसआई सुरेश ढाका व एसआई कर्मवीर सांगवान की टीम ने जांच शुरू की। टीम ने आरोपी मूलरूप से तमिलनाडु निवासी रामसब्बू को छत्तरपुर से गिरफ्तार कर लिया।
दिल्ली पुलिस की एक टीम इसके साथियों को पकड़ने के लिए तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत में कई जगह दबिश दे रही है। इसके पास से सात पासपोर्ट तो महिला से लिए गए बरामद किए गए हैं। दस अन्य पासपोर्ट बरामद किए गए हैं। पुलिस आरोपी के बैंक खाते को पता कर ये जानकारी में जुटी है कि अभी तक कितने लोगों के साथ ठगी कर चुका है। आरोपी ने महिला के साथ पासपोर्ट अपने पास रखकर उसे ब्लैकमेल करने की साजिश भी रची थी।
लगातार पूछताछ करने पर आरोपी ने खुलासा किया कि वह डेविड नाम के एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी का यह धंधा चला रहा था। वह सभी नकली वीजा प्रदान कर रहा था। सह आरोपी डेविड को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।