मीडिया ग्रुप, 17 फरवरी, 2022
बाजपुर। विधिचंद संप्रदाय दल के जत्थेदार बाबा अवतार सिंह की अगुआई में गुरुद्वारा साहिब बैंतखेड़ी में दीवान सजाए गए व मीरी-पीरी के निशान साहिब स्थापित किए गए।
हाथी-घोड़ों व दल-बल के साथ पंजाब से बाजपुर पहुंचे जत्थेदार अवतार सिंह के मार्गदर्शन में गुरुद्वारा साहिब बैंतखेड़ी के नवनिर्मित भवन में मीरी और पीरी से संबंध रखने वाले निशान साहिब स्थापित किए गए। गुरुद्वारा साहिब के निर्माण के लिए भी जत्थेदार साहिब की ओर से संगत को बधाई दी गई।
संप्रदाय के रागी जत्थे ने कीर्तन करते हुए कहा कि पंच प्याले पंच पीर छठम पीर बैठा गुर भाई.., अर्जुन काया पलट के मूरत हर गोविद सवारी, चल्ली पीरी सोढि़यां रूप दिखावण बारी-बारी, दल भजन गुरु सूरमा बन योद्धा पर उपकारी..।
वहीं, सुर सिंह पंजाब से आए भाई गुरप्रताप सिंह के ढाडी जत्थे ने ऐसी मार मारी भारी सिघा तीनां तलवारा ने, मुड़के नी आया कोई पंजाब उत्थे.. कीर्तन किया। उन्होंने उस समय के हाकम उस्मान खां द्वारा हिदू समाज की बहन-बेटियों को अगवा किए जाने व सिंहों द्वारा फरियादियों के आने के उपरांत उनकी रक्षा किए जाने का प्रसंग भी सुनाया गया।
वहीं, भाई सुखदेव सिंह द्वारा संगत को सत्संग की ओर मोड़ते हुए सब इत्थे ही रह जाणा, सत संगत कर बंदया.. आदि का पाठ किया गया। वहीं, बाबा अवतार सिंह ने संगत की हाजिरी परवान करते हुए उनकी मनोकामना की अरदास श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष की।
इस दौरान गुरुद्वारा साहिब से कुछ ही दूरी पर स्थित मैदान में गुरु साहिब की लाडली फौजों द्वारा घुड़सवारी के जौहर दिखाए गए। गुरु का अटूट लंगर भी बरताया गया।
समागम में बाबा अवतार सिंह के बेटे बाबा चरन सिंह, कुलविदर सिंह किदा, मंगा सिंह, बलविदर सिंह, अंग्रेज सिंह, सुलक्खन सिंह, दलविदर सिंह, दलवीर सिंह, जसविदर सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।