केंद्र सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेच कर जुटायेगी 66 हजार करोड़ रूपये।

मीडिया ग्रुप, 15 फरवरी, 2022

भारतीय जीवन बीमा निगम दुनिया की सबसे बेहतरीन इंश्योरेंस कंपनियों में से एक हैं। एलआईसी के आईपीओ का लोग लंबे समय से इंतजार कर रहे थे अब उनका इंतजार खत्म हो गया है क्योंकि एलआईसी ने सेबी के पास डीआरएचपी फाइल कर दिया है। यानी कि अब यह कंफर्म हो गया है कि साल 2022 वित्त वर्ष में एलआईसी के आईपीओ आ सकते हैं।

दस्तावेज के मुताबिक सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी में करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार 6.32 अरब शेयरों में से करीब 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी। इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये है। इस ओएफएस आईपीओ के जरिए जितना भी पैसा जुटाया जाएगा, वह सारा सरकार के खजाने में जाएगा ना कि एलआईसी के पास, क्योंकि कंपनी की तरफ से कोई नया शेयर जारी नहीं किया जा रहा है। सरकार द्वारा एलआईसी में अपनी 5 फीसद हिस्सेदारी बेचकर इस आईपीओ से 66,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।

केंद्र सरकार ने मार्च के अंत से पहले बहुप्रतीक्षित आईपीओ लॉन्च करने के लिए 13 फरवरी को भारतीय जीवन बीमा निगम का मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) बाजार नियामक सेबी के पास दायर किया है। जानकारी के अनुसार इस मुद्दे से सरकार को वित्त वर्ष के लिए 78,000 करोड़ रुपये के अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलने की उम्मीद है और साथ ही नए खुदरा निवेशकों की एक बड़ी संख्या को भी हासिल करने में मदद मिलेगी।

सरकार ने रविवार को एलआईसी के आईपीओ के लिए बाजार नियामक सेबी के पास मसौदा दस्तावेज दाखिल किया। आईपीओ के मार्च में पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है। इस आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है।

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडेय ने ट्वीट किया, एलआईसी के आईपीओ के लिए डीआरएचपी आज सेबी के पास दाखिल कर दी गई है। इसके तहत 31.6 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी, जो पांच प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है।

चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार के विनिवेश लक्ष्य में 78,000 करोड़ रुपये की कमी रहने के अनुमान के बीच सरकार के लिए एलआईसी का आईपीओ महत्वपूर्ण है। सरकार अब तक एयर इंडिया के निजीकरण और अन्य सरकारी उपक्रमों में अपनी हिस्सेदारी बिक्री से करीब 12,000 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है।