रुद्रपुर : महिलाओं के प्रति अपमान व बदजुबानी से कटा ठुकराल का टिकट-आरपी सिंह।

मीडिया ग्रुप, 05 फरवरी, 2022

रुद्रपुर। उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में मतदान के लिए अब आठ दिन शेष बचे हैं, यानी नौवें दिन प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होनो है, लिहाजा भाजपा ने निरंतर अपने चुनाव अभियान को धार दे रही है।

भाजपा के उत्तराखंड चुनाव सह प्रभारी आरपी सिंह ने प्रेस कांफ्रेेंस कर राजकुमार ठुकराल का भाजपा से टिकट काटने और छह साल के लिए भाजपा से निकाले जाने के कारण स्पष्ट किए। उन्होंने कहा कि भाजपा एक अनुशासित अंतरराष्ट्रीय पार्टी है।

इसमें अनुशासन हीनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाती। जबकि ठुकराल भाजपा में रहते हुए अनुशासनहीनता बदजुबानी कर रहे थे। भाजपा से बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर वे जनता को भ्रमित करते फिर रहे हैं कि भाजपा उनकी राजनीतिक मां है, तो फिर सवाल उठता है कि ठुकराल ने मां की पीठ में छूरा घोंप कर जघन्य अपराध क्यों किया है।

जरा सोचिए जो मां की पीठ में छूरा घोंपने वाला आम जनता के लिए कितना क्रूर हो सकता है। भाजपा प्रवक्ता व चुनाव सह प्रभारी आरपी सिंह ने कहा कि निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे वाले ठुकराल का एक आडियो, वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे माताओं और बहनों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं।

महिलाओं पर कीचड़ उछाल रहे हैं, भाजपा ऐसी किसी भी हरकत को बर्दास्त नहींकरती है। महिलाओं के दामन पर कीचड़ उछालने और उनके खिलाफ बदजुबानी करने पर भाजपा ने इस बार उनका टिकट काटा है। जो व्यक्ति वोट लेने के बाद अपनी ही जनता का अपमान करता हो, गाली देता हो, चरित्रहीन बताता हो, वह सभ्य समाज के लिए कलंक से कम नहींहो सकता।

उन्होंने कहा कि भाजपा में महिलाओं को सम्मान देने के परंपरा रही है, लेकिन जब कोई महिलाओं का अपमान करता है तो पार्टी उस पर ठोस कार्रवाई करने से पीछे नहींहटती है। महिलाओं का अपमान करने पर ठुकराल को भाजपा से बाहर कर दिया गया है।

आरपी सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा प्रत्याशी शिव अरोरा एक शिक्षित, सुलझे हुए व्यवहारिक व्यक्ति हैं। वे महिलाओं के साथ हर वर्ग का सम्मान करते हैं, इसलिए भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी बनाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार का मतलब विकास की गांरटी है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही आलवेदर रोड बन रही है, पहाड़ पर ट्रेन पहुंच रही हैं, अब टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का काम शुरू होने वाला है। इसलिए उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार की जरूरत है।