मीडिया ग्रुप, 04 नवंबर, 2021
नानकपुरी टांडा। 4 नवंबर बृहस्पतिवार को ननकपुरी टांडा गुरुद्वारा साहिब में सिख संगत द्वारा बंदी छोड़ दिवस एवं अमावस्या को श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेक कर आशीष प्राप्त की।
इस दौरान कथा एवं कीर्तन दीवान सजाये गये जहाँ रागी जत्थों एवं ढाढ़ी जत्थों द्वारा गुरुबाणी से संगत को निहाल किया गया। गुरुद्वारा साहिब में गुरु का लंगर हुआ।
सिख धर्म में दीपावली के पर्व को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक मुगलों ने जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर के किले को अपने कब्जे में लिया तो इसे जेल में तबदील कर दिया।
इस किले में मुगल सल्तनत के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को कैद करके रखा जाता था। बादशाह जहांगीर ने यहां 52 राजाओं के साथ 6वें सिख गुरु हरगोविंद साहिब को कैद रखा था।
बताते हैं कि जहांगीर को सपने में एक रूहानी हुक्म के कारण गुरु हरगोविंद साहिब को रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा था। दीपावली के दिन गुरु साहिब मुगल बादशाह की कैद से खुद तो रिहा हुए ही साथ में 52 कैदी राजाओं को भी मुगलों की कैद से बाहर ले आए। इसी घटना की याद में वहां गुरुद्वारा बनाया गया था, जिसे गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ साहिब नाम दिया गया। सिख धर्म में दीपावली के पर्व पर तब से ही ‘बंदी छोड़ दिवस’ मनाया जाता है।