उधमसिंह नगर : अस्पताल की छत से टपक रहा पानी, जान जोखिम में डालकर इलाज करने को मजबूर महिलाएं; गर्भवतियों के फिसलने का भी खतरा

सिमरप्रीत सिंह, संपादकमीडिया ग्रुप 

उधमसिंह नगर। काशीपुर में महिला रोग विशेषज्ञ टपकती छत के नीचे जान जोखिम में डालकर इलाज करने को विवश हैं। वहीं फर्श पर पानी गिरने से गर्भवतियों के फिसलने का खतरा भी बना हुआ है। इस समस्या के समाधान के लिए स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कदम उठाता नजर नहीं आ रहा।

चार दशक पूर्व एलडी भट्ट राजकीय उप चिकित्सालय का निर्माण हुआ था। देखरेख के अभाव में भवन बदहाल होता जा रहा है। पिछले दिनों संवाद की टीम ने पड़ताल की। प्रसव कक्ष के सामने बना महिला रोग विभाग जर्जर हालत में मिला। यहां महिला रोग विशेषज्ञ बैठकर इलाज करती मिलीं। मूसलाधार बारिश होने से दीवार के सहारे दरवाजे पर पानी टपक रहा था। यहीं से महिलाएं कक्ष के अंदर प्रवेश कर रहीं थीं। फर्श पर पानी गिरने से गर्भवतियों के फिसलने की संभावना है। कक्ष का दरवाजा तक टूटा मिला।

मरीज गीता और आशा ने बताया कि पानी टपकने से फर्श पर संभलकर डॉक्टर के पास जाना पड़ता है। यदि कोई गर्भवती गिर गई तो अनहोनी हो सकती है। कक्षों के बाहर गर्भवतियों के बैठने के लिए मात्र दो बेंच डाली गई हैं। अपने नंबर के इंतजार में काफी देर तक खड़ा रहना पड़ता है। अस्पताल प्रशासन को भवन की मरम्मत, बैठने समेत मूलभूत सुविधाएं करानी चाहिए। इन्हीं कक्षों के बराबर में टीकाकरण विभाग है। बारिश में टीकाकरण कक्ष, दवाई भंडार कक्ष आदि में पानी टपकने, प्लास्टर गिरने लगा था। गर्भवतियों, शिशुओं और स्टाफ पर खतरा मंडरा रहा था। विभाग को बंद कर ट्रामा सेंटर में बनाया गया है।

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवानी, डॉ. अल्पना ने बताया कि प्रतिदिन दो सौ से अधिक ओपीडी होती हैं। कक्ष में पानी टपकता है। फर्श पर पानी गिरने से गर्भवतियों के फिसलने की संभावना बनी रहती है। बारिश में भीगने से संक्रमण का खतरा हो सकता है।

चिकित्सालय भवन 1960 का बना हुआ है। टीकाकरण विभाग जर्जर होने पर बंद कर दिया गया है। ध्वस्तीकरण का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। दो सौ बेड का नया अस्पताल बनना है। बजट भी जारी हो चुका है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पुराने भवन पर कार्रवाई की जा सकेगी।

– डॉ. खेमपाल, सीएमएस, एलडी भट्ट राजकीय उप जिला चिकित्सालय, काशीपुर