रिपोर्ट : दिवेंदर सिंह
गदरपुर। सिख मिशनरी कॉलेज लुधियाना की गदरपुर इकाई द्वारा शिव मंदिर वार्ड नंबर 7 गदरपुर उधम सिंह नगर उत्तराखंड स्थित गुरुद्वारा साहिब में गुरुद्वारा प्रबंधन समिति एवं महिला सत्संग समिति के सहयोग से 11 दिवसीय गुर प्रसाद समर कैंप का आयोजन किया गया था।
कैंप में गुरमुखी अक्षर ज्ञान,मूल मंत्र, 10 गुरु साहिबान,चार साहिबजादे,शब्द कीर्तन, कविता गायन, स्वास्थ्य हेतु योग का प्रशिक्षण दिया गया । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पहुंचे स. अजायब सिंह धालीवाल ने शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनके राज्य में जनता भयमुक्त थी व सभी खुश थे। उनके 40 वर्ष से अधिक के शासनकाल में किसी को फांसी तक की सजा नहीं हुई। अंग्रेजी हुकूमत ने खालसा राज की एकजुटता देख पंजाब की तरफ आंख उठाकर नहीं देखा। उन्होंने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह के राज्य में वर्तमान का पंजाब,हरियाणा, हिमाचल,जम्मू कश्मीर, लेहलद्दाख, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन तक का इलाका शामिल था। अंग्रेजों द्वारा कूटनीति करते हुए भ्रष्ट एवं लालची डोगरा वजीरों को अपने साथ मिलाकर महाराजा रणजीत सिंह को धीमा जहर देकर मार दिया गया। फूट डालो और राज करो की नीति पर चलकर अंग्रेजों का राज पंजाब तक पहुंचा । वहीं कार्यक्रम संयोजक देवेंद्र सिंघ ने गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस पर जानकारी देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी शहादत केवल धर्म और देश की रक्षा के लिए दी थी। मुगल बादशाह जहांगीर के आगे झुके नहीं। लाहौर में उनकी शहादत का दिवस 16 जून को मनाया जाता है। इसी लाहौर में उनके पिता जी गुरु रामदास जी का जन्म भी हुआ था। वहीं गुरु अर्जन देव जी की शहीदी भी हुई । एक बार लाहौर में काल पड़ने पर कई वर्ष तक गरीब जनता को गुरु अर्जन देव जी के हुक्म से संगत द्वारा भोजन पानी एवं दवाइयां आदि निशुल्क उपलब्ध कराई जाती रहीं।
समर कैंप संचालिका एवं गुरुद्वारा साहिब की मुख्य सेवादार बाला बेहड़ ने बताया कि बच्चों द्वारा मन लगाकर गुरुमुखी अक्षर ज्ञान और शब्द कीर्तन का प्रशिक्षण लिया गया है। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए सभी बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की। निशुल्क समर कैंप में पंजीकृत 30 बच्चों का कंपटीशन करवाया गया। इस में सफल रहे सात बच्चों ने उच्च स्थान प्राप्त किए। माधवी पुत्री रिंकू कालड़ा, पौत्री गुलशन कालड़ा कैंप में प्रथम तथा नैतिक सुपुत्र नरेश धमीजा द्वितीय रहे। सभी बच्चों को स्मृति चिन्ह एवं शिक्षण सामग्री देकर सम्मानित किया गया। गुरुद्वारा साहिब की सेवादार बाला बेहड़ और मुख्य अतिथि जसमीत कौर द्वारा मातृशक्ति के रूप में जसवीर कौर, किरण बाला, निधि बाला, ज्योति धमीजा को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर का बाबा रांझा सिंघ, परमजीत कौर, अनुरुद्ध छाबड़ा, नैतिक, जसप्रीत कौर, तरणजोत कौर , कृपा एवं जसमीत कौर शामिल रहे ।