उत्तराखंड : कोर्ट में फर्जी शपथपत्र देने का मामला, आरटीओ समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज

सिमरप्रीत सिंह, संपादकमीडिया ग्रुप 

उत्तराखंड। पड़ोसी के साथ चल रहे सिविल मुकदमे में फर्जी शपथपत्र देने के मामले में आरटीओ प्रशासन सुनील शर्मा समेत छह के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि इन सभी ने अपने स्थान पर अधिवक्ता से पैरवी कराने को शपथपत्र बनवाए थे। इसका नोटरी अधिवक्ता के पास भी कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। एसबीआई की महिला अधिकारी भी शामिल हैं। रायपुर थाना पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है।

पुलिस को पुनीत ने शिकायत की है। पुलिस के अनुसार पुनीत अग्रवाल का इस एटीएस हेवन्ली फुटहिल्स में एक प्लॉट है। इस प्लॉट में वह बोरिंग कराना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जल संस्थान से भी अनुमति ले ली थी। लेकिन, इसी कॉलोनी में रहने वाले आरटीओ सुनील, डीआरडीओ के अधिकारी संजय, एसबीआई अधिकारी दीपशिखा, साहिस्ता, आशीष, सुष्मा, हेमंत और शरद ने विरोध किया। विरोध का यह मामला सिविल कोर्ट में चला गया। सिविल कोर्ट ने इसमें स्टे दिया और पुनीत को बोरिंग के लिए इजाजत दे दी।

मुकदमे में अगली तारीखें लगीं। इसके बाद इन सभी लोगों ने स्वयं उपस्थित न होने के लिए अपने-अपने अधिवक्ताओं को पैरवी के लिए नियुक्त किया। इसके लिए इनमें से दीशशिखा, आरटीओ सुनील, सुष्मा, शरद और हेमंत ने आशीष के पक्ष में पॉवर ऑफ अटॉर्नी (शपथपत्र) कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया। ये शपथपत्र नोटरी अधिवक्ता ने सत्यापित किए थे। इसके लिए पुनीत ने अधिवक्ता को एक कानूनी नोटिस भेजकर इन शपथपत्र की सच्चाई जानी। गत छह मार्च को आए जवाब में पता चला कि नोटरी अधिवक्ता ने ऐसे कोई शपथपत्र सत्यापित नहीं किए हैं।

इस तरह इन सभी की ओर से प्रस्तुत किए गए ये शपथपत्र फर्जी पाए गए। एसओ रायपुर कुंदन राम ने बताया कि इस संबंध में पुनीत ने एसएसपी कार्यालय को शिकायत की थी। इसकी जांच के बाद अब आरटीओ समेत कॉलोनी के पांच निवासियों और आशीष नाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।