रुद्रपुर में गर्मी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड…इतना पहुंचा पारा, घरों में कैद रहने को मजबूर लोग

सिमरप्रीत सिंह, संपादकमीडिया ग्रुप 

रुद्रपुर में नौतपा ने आमजन का जीना मुहाल कर दिया है। सुबह से पड़ रही चिलचिलाती धूप ने बृहस्पतिवार को 10 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया। दोपहर तीन बजे पारा अब तक की सर्वाधिक स्तर 42.6 डिग्री पर पहुंच गया। इससे पूर्व 25 मई 2014 को पारा 42.5 डिग्री मापा गया था,जो अब तक का सर्वाधिक था।

तराई में प्रचंड गर्मी ने आमजन को परेशान कर दिया है। 16 मई के बाद से तापमान में शुरू हुई वृद्धि का आलम यह है कि 11 दिन तापमान 40 डिग्री के ऊपर रहा। सुबह से ही लोगों का बाहर निकलना मुहाल हो गया है। लोग दिन में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक घरों में कैद होने को विवश हो गए हैं। दोपहर में सड़कें सूनी हो रही हैं। बुधवार को अधिकतम पारा 41 डिग्री दर्ज किया गया था, जो बृहस्पतिवार को बढ़कर 42.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। मौसम विभाग का मानना है कि अभी एक-दो दिन यह ऐसे ही बना रहेगा। मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि अभी दो-तीन दिन तक तापमान ऐसे ही बना रहने की संभावना बनी हुई है।

एक पखवाड़े से लगातार हो रही तापमान में वृद्धि

काशीपुर में एक पखवाड़े से तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार सुबह करीब छह बजे से ही तेज गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित नजर आया। सुबह करीब दस बजे से पहले ही दुकानों पर ग्राहक नजर आए। इसके बाद बाजारों में सन्नाटा छा गया। जो भी व्यक्ति बाजार में दिख रहे थे, वे अपने आपको अच्छी तरह सुरक्षित लपेट कर ही जा रहे थे। लोगों को गर्मी से निजात दिलाने के लिए सिख समुदाय के साथ ही अन्य लाेगों ने छबील लगाकर ठंडा शरबत पिलाया। बाजपुर में भी तापमान करीब 42 डिग्री सेल्सियस ही दर्ज किया गया। यहां भी मुख्य मार्गाें और सुल्तानपुर पट्टी में भी ठंडे शरबत की छबील लगाकर लोगों की सेवा की गई। प्रचंड गर्मी के कारण बाजारों में जहां सन्नाटा छाया रहा वहीं किसान और मजदूर खेतों में भी बहुत कम जा सके। बसों और रेलगाड़ियों में भी यात्रियों की आवाजाही काफी कम रही।

खेतों में काम करने के लिए नहीं मिल रहे मजदूर

गर्मी के कारण खेती किसानी प्रभावित हो रही है। लगातार बढ़ रहे तापमान के कारण लीची और आम समेत कई तरह के फलों की फसल बुरी तरह प्रभावित नजर आ रही है। बृहस्पतिवार को तेज गर्मी के कारण अधिकतर किसान और मजदूर खेतों में काम करने नहीं गए। शहर में छोटी-छोटी दुकानें लगाकर कामकाज करने वाले लघु व्यापारी भी कम ही नजर आए। उत्तराखंड किसान विकास क्लब के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि इन दिनों खेती के कामों के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। पशुओं की देखभाल के लिए भी मजदूर नहीं मिल रहे हें। इससे पशुपालन का कारोबार भी गर्मी की भेंट चढ़ रहा है।

दोपहर में लगा जाम, प्रचंड गर्मी में बिलबिलाए लोग

रुद्रपुर में चिलचिलाती धूप में बृहस्पतिवार की दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे डीडी चौक पर जाम लग गया। चौक के चारों तरफ वाहनों की कतार लग गई। इस दौरान करीब 41 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच फंसे लोग गर्मी से बिलबिला उठे। लगभग 15-20 मिनट तक जाम लगा रहा। बाद में ट्रैफिक पुलिस ने जाम खुलवाया।

अब तक का सर्वाधिक तापमान-

  • 42.0 डिग्री – 22 मई 2011
  • 42.0 डिग्री – 23 मई 2014
  • 42.5 डिग्री – 25 मई 2014
  • 42.6 डिग्री – 30 मई 2024

गर्मी में फंगल इंफेक्शन के बढ़ने लगे मरीज

काशीपुर में गर्मी में पसीने के कारण फंगल इंफेक्शन के मामले बढ़ रहे हैं। जीडीएमओ डॉ. साहनी ने बताया कि ओपीडी करीब 125 हो रही है। इनमें से 25 मरीज फंगस या खुजली के आ रहे हैं। गर्मी में व्यक्ति को नियमित स्नान कर कपड़े बदलने चाहिए। नहाकर पुराने कपड़े नहीं पहनने चाहिए। पसीना चिपकने से खुजली होने लगती है। लापरवाही बरतने पर फंगल इंफेक्शन की समस्या बढ़ सकती है। सर्जन डॉ. पंत ने बताया कि करीब 80 मरीज ओपीडी में पहुंच रहे हैं। इनमें से 20 मरीज खुजली के आ रहे हैं। सामान्य दिनों में करीब आठ मरीज आते थे। लेकिन गर्मी बढ़ने के कारण इस बीमारी के मरीज भी बढ़ने लगी है। अस्पताल में दवाइयां एवं व्यवस्था पर्याप्त है। बताते हैं कि फंगस को शरीर में फैलने के लिए नमी की आवश्यकता होती है। गर्मी में शरीर के कई हिस्सों में पसीना आता है और नमी बनती है। ऐसी जगह पर फंगस फैलने की संभावना अधिक बन जाती है।