रुद्रपुर : होली चाइल्ड स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया मदर्स डे, मंच पर नन्हें बच्चों ने मां संग किया रैंप वॉक
रिपोर्ट : करमवीर सिंह
रुद्रपुर। होली चाइल्ड स्कूल में मदर्स डे हर्षोल्लास से मनाया गया। इस विशेष उत्सव के दौरान विद्यालय के प्राइमरी विंग के नन्हे मुन्ने बच्चों ने अपनी प्रभावी मंचीय प्रस्तुतियों और प्रेरणादायी नाट्य प्रदर्शन के सहारे जीवन में मां के महत्व को समझाने का सुन्दर प्रयास किया तो वहीं बच्चों ने अपने कार्यक्रम के माध्यम से घरों में मां और बच्चों के बीच होती छोटी छोटी मीठी नौंकझोंक के प्रस्तुतिकरण से सभी को खूब गुदगुदाने के साथ बातों ही बातों में प्रेरक संदेश देने का काम भी किया।
होली चाइल्ड स्कूल के प्रांगण में शनिवार को मदर्स डे पर विशेष उत्सव का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में आई सभी माताओं को शिक्षिकाओं ने छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार किये गये हैंड मेड बैज लगाकर स्वागत किया गया। स्कूल में आयोजित उत्सव के स्पेशल गेस्ट और वाइस प्रिंसिपल श्री मंजू अधिकारी ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद छोटे बच्चों ने अपनी माताओं के प्रति अपने स्नेह का प्रदर्शन करने के लिए सुन्दर मंचीय नृत्य प्रस्तुति दी। कई गीत पर बच्चों ने नृत्य प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी का मन जीत लिया।
छात्राओं ने हिन्दी तथा अंग्रेजी में मां पर आधारित कविताओं को प्रस्तुत करते हुए अपनी भावनाओं को प्रकट किया। न्हे मुन्ने बच्चों ने अपने गीत और डांस से भी को प्रभावित किया। छात्र छात्राओं ने गीत संगीत आधारित अपनी प्रस्तुतियों को मां के पवित्र रिश्ते और स्वरूप को समर्पित की। कार्यक्रम में बच्चों ने अपने हास्य व्यंग्य पर आधारित लघु नाटिकाओं के माध्यम से जीवन में मां के महत्व को दर्शाने का काम किया तो वहीं मां और बच्चों के बीच होती तीखी-मीठी नौंकझोंक के सहारे प्रेरक संदेश देने में भी वो सफल नजर आये। अपने बच्चों के साथ कुछ माताओं ने भी रैंप वॉक कर मां और बच्चे के बीच के भावनात्मक रिश्तों और सुन्दर जुगलबंदी को पेश कर सभी की प्रशंसा बटोरी।
मदर्स डे उत्सव को सम्बोधित करते हुए प्रधानाचार्य श्री मिंटू दुबे और वाइस प्रिंसिपल श्री मंजू अधिकारी ने कहा कि मां के लिए कोई दिन विशेष नहीं हो सकता, क्योंकि हर दिन ही मां का दिन होता है। इस धरती पर केवल मां को ही ईश्वर का स्वरूप माना गया है। यही कारण है कि मां से ही बच्चे की पहली शिक्षा शुरू होती है और जीवन का पहला शब्द भी मां ही है। आज मॉर्डन लाइफ में बच्चे डिजीटल जिन्दगी के आदि हो गए हैं। ऐसे में मोबाइल का काफी नकारात्मक प्रभाव भी बच्चों पर पड़ रहा है। ऐसे में मां की जिम्मेदारी ज्यादा बनती है कि वो इस डिजीटल लाइफ में बच्चों को संस्कृति और संस्कार से जोड़कर उनको जंक फूड से बचाकर स्वस्थ खानपान की आदत डालें। इसके लिए जरूरी है कि माता और पिता अपने व्यस्त जीवन से समय निकालकर बच्चों को अवश्य दें, उनसे बातें करें, उनको समझे और उनके साथ खेल खेलें, कहानियां सुनाएं, ऐसा करने से बच्चों का जीवन अनुशासित होगा और हम उनको एक बेहतर भविष्य दे पायेंगे।
अंत में स्कूल के प्रधानाचार्य श्री मिंटू दुबे और वाइस प्रिंसिपल श्री मंजू अधिकारी ने सभी माताओं के साथ ही सभी शिक्षिकाओं को मदर्स डे की शुभकानाएं दी। इस दौरान चेयरमैन विकास बत्रा, प्रिंसिपल मिंटू दुबे, वाइस प्रिंसिपल मंजू अधिकारी, एग्जामिनेशन हेड कृति चौधरी, ललित शर्मा, सुषमा दुबे, हेलेन जॉन, श्वेता सहनी, कमलेश तिवारी, सुधाकर सिंह, वरुण बंगा, आशीष बंगा, आदि शिक्षक मौजूद थे।