उधमसिंह नगर के किच्छा में धान की बुवाई के दौरान खेत में मोटर के तार से करंट फैल गया। घटना में खेत स्वामी व एक महिला मजदूर की करंट से मौत हो गई। परिजन चुपचाप शवों को अपने-अपने घर ले गए। घटना की सूचना पर जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो खेत स्वामी के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार करते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को बमुश्किल शांत कराया। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम के बाद गमगीन माहौल में खेत स्वामी एवं महिला मजदूर का परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। अचानक हुई घटना के बाद मृतकों के परिजनों में कोहराम मच गया है।
व्यापारी राजकुमार अपने खेत में मजदूरों को लेकर धान की बुवाई करने के लिए जा रहे थे। पैदल जाने के दौरान बीच रास्ते में मोटर की सप्लाई के लिए डाली गई तार को उठाकर खेत की बाउंड्री वॉल में रखने के दौरान खेत स्वामी राजकुमार करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गए। बाउंड्री तार में करंट फैलने के बाद खेत में पड़े पानी में भी करंट प्रवाहित हो गया।
इससे खेत में काम कर रही महिला मजदूर जयंती सहित राधा, गीत सहित एक अन्य मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के तुरंत बाद पहुंचे परिजन इलाज के लिए सभी को जिला चिकित्सालय स्थित निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने राजकुमार एवं जयंती को मृत घोषित कर दिया। जबकि अन्य की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
घटना के बाद मृतकों के परिजन शवों को अपने अपने घर ले आए और अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी बीएस चौहान, कोतवाली प्रभारी सुंदरम शर्मा, चौकी इंचार्ज दीवान सिंह बिष्ट पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी हासिल की।
इस दौरान व्यापारी राजकुमार के परिजनों ने पोस्टमार्टम करने से साफ इनकार कर दिया। इसके चलते मौके पर हंगामा शुरू हो गया। सीओ बीएस चौहान एवं प्रभारी निरीक्षक सुंदरम शर्मा ने परिजनों को समझाकर पोस्टमार्टम कराने के लिए राजी किया।
परिजनों की सहमति के बाद पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा भरते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद व्यापारी राजकुमार का शव उनके आवास पर पहुंचने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। गमगीन माहौल में दर्जनों लोगों की मौजूदगी में ग्राम आजादनगर स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
इधर महिला मजदूर जयंती देवी के निवास पर भी उनके 6 बच्चे तथा अन्य परिजन रोते बिलखते रहे। पड़ोसियों ने बताया कि जयंती देवी के पति की पूर्व में मौत हो चुकी है तथा 6 बच्चों में दो पुत्रियों का पूर्व में विवाह हो चुका है, जबकि घर पर चार बच्चों के भरण पोषण की सारी जिम्मेदारी को जयंती देवी अकेले निभा रही थी।