उधमसिंह नगर में 20 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच, हरियाणा का एक्साइज टैक्सेसन विभाग कर रही कार्रवाई
उधमसिंह नगर के जसपुर में पकड़े गए 20 करोड़ के जीएसटी घोटाले की जांच के लपेटे में हरियाणा के यमुनानगर की प्लाईवुड फैक्टरियां आ गई है। राज्य कर विभाग की एसआईबी (विशेष अनुसंधान शाखा) की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के बाद वहां के एक्साइज एंड टैक्सेसन विभाग ने फैक्टरियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी है। एसआईबी की जांच में हरियाणा की 52 लकड़ी फर्म और प्लाइवुड फैक्टरियाें की ओर से जसपुर से फर्जी बिल खरीदना पाया गया था।
दरअसल बीते चार मार्च को एसआईबी ने जसपुर में लकड़ी कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, चार्टड एकाउंटेंट और अधिवक्ताओं के प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर 18 करोड़ का जीएसटी घोटाला पकड़ा था। जिसमें एक गिरोह बनाकर फर्जी फर्मों के जरिए कारोबार दर्शाकर सरकार को चूना लगाया जा रहा था, वहीं हरियाणा और यूपी की फर्म व प्लाईवुड कंपनियों को फर्जी बिल बेचे जा रहे थे। इन फर्जी बिलों को खरीदकर फर्म और फैक्टरियां आईटीसी का लाभ ले रही थीं। यह घोटाला जांच के बाद 20 करोड़ तक पहुंच चुका है।
इस मामले में 22 अक्तूबर को एसआईबी ने मुख्य आरोपी शाहनवाज हुसैन को जसपुर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। एसआईबी की छानबीन में हरियाणा की 52 लकड़ी फर्म और फैक्टरियों की ओर से फर्जी बिल खरीदने की जानकारी सामने आई थी। ये फर्म व कंपनियां दो साल से नकली बिलों से करोड़ों रुपये के आईटीसी का लाभ ले चुकी थीं। एसआईबी ने हरियाणा के संबंधित विभाग को फर्मों की सूची भेजी थी। एसआईबी प्रभारी रजनीश यशवस्थी ने बताया कि हरियाणा के एक्साइज एंड टैक्सेसन विभाग ने प्लाईवुड फैक्टरियों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। वहां की टीम जांच कर रही है कि फैक्टरियों के पास लकड़ी कब और कहां से आई। इसके बाद संबंधित फर्म और फैक्टरियां जुर्माना जमा करेंगी, उनमें से उत्तराखंड को भी बड़ी मात्रा में राशि मिलेगी।