उधमसिंह नगर में सुविधाओं के दावे लड़खड़ाए, हाथ के बल चलकर डॉक्टर तलाशता रहा दिव्यांग

उधमसिंह नगर के खटीमा के नागरिक अस्पताल को भले ही उप जिला अस्पताल का दर्जा मिल चुका है, लेकिन यहां मरीजों को उचित सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसकी एक बानगी शुक्रवार को देखने को मिली।

शुक्रवार को खटीमा उप जिला अस्पताल में एक दिव्यांग ओपीडी का पर्चा कटवाने के बाद हाथ के बल पर चलकर डॉक्टर की तलाश में भटकता दिखा। मरीजों का कहना था कि दिव्यांग मरीजों के लिए अस्पताल में उचित सुविधा नहीं है।

यदि कोई दिव्यांग मरीज अकेला पहुंचता है तो वार्ड बॉय आदि भी उसकी मदद नहीं करते। इस संबंध में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. विनय प्रताप सिंह का कहना था कि अस्पताल गेट व्हीलचेयर की सुविधा है। दिव्यांग मरीजों को व्हीलचेयर पर लाया जाता है।

एक सप्ताह से खराब है डिजिटल एक्स रे मशीन

नागरिक अस्पताल में एक सप्ताह से डिजिटल मशीन खराब पड़ी है। शुक्रवार को भी मशीन सही नहीं हो सकी। मैनुअल मशीन से जांच में समय अधिक लगने के कारण मरीजों की भीड़ लग रही है। वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. विनय प्रताप सिंह ने बताया कि टेक्निकल टीम एक्स-रे मशीन को ठीक कर रही है। संवाद

लंबे समय से ठप है अस्पताल की लिफ्ट

खटीमा। उप जिला अस्पताल में लंबे समय से लिफ्ट मशीन खराब पड़ी है। इस कारण दिव्यांगों और गंभीर मरीजों को सहारा लेकर अस्पताल की सीढ़ी चढ़नी पड़ती है। इसके बावजूद लिफ्ट को सुधारने की ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। संवाद

दो लैब फिर भी बाहर हो रही जांचें

खटीमा। उप जिला अस्पताल में विभिन्न जाचों के लिए सरकारी व निजी लैब की सुविधा है। इसके बावजूद अस्पताल में बाहर के निजी लैबों के एजेेंट घुमते नजर आते हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह अस्पताल में जांच रिपोर्ट के देरी से आने की बात कहकर मरीजों से जल्दी जांच रिपोर्ट के नाम पर कई गुना अधिक शुल्क वसूलते हैं। संवाद

डॉक्टरों के पद 17 हैं खाली

खटीमा। उप जिला अस्पताल में डाॅक्टरों के 29 स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 17 पद रिक्त चल रहे हैं। विशेषज्ञों की डॉक्टरों की भारी कमी हैं। इस कारण अस्पताल में पहुंचने वाले सभी मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। संवाद