रुद्रपुर। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान किच्छा विधानसभा में हुई जनसभा में असम के सीएम द्वारा कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी को लेकर न्यायालय में डाली गई याचिका पर सुनवाई करते हुए तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को 24 फरवरी को बहस करने का मौका दिया है। याचिकाकर्ता प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस के वकीलों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने अगली तारीख निर्धारित की है।
बताते चलें कि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय ने अदालत में डाली याचिका में बताया कि वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान किच्छा में हुई जनसभा को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा द्वारा संबोधित किया गया था।
आरोप था कि जनसभा में असम के सीएम ने तत्कालीन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की थी। गांधी परिवार के चरित्र पर सवाल उठाए थे जो कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के प्रावधानों का उल्लंघन का आरोप था।
याचिकाकर्ता उपाध्याय का कहना था कि अशोभनीय टिप्पणी के कारण समाज के सभ्य लोगों के अलावा गांधी परिवार की भावनाओं को आहत पहुंची है। जिसको लेकर कांग्रेस प्रवक्ता ने सीएम के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की थी।
मगर पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं करने पर तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश मीना देउपा ने सम्मन जारी कर मुख्यमंत्री असम को 17 अक्टूबर को हाजिर होने के लिए नोटिस भेजा था।
जिसके बाद अगली तारीख 18 नवंबर और फिर 20 जनवरी की तारीख नियत की गयी गई थी। बावजूद इसके शनिवार को याचिकाकर्ता एवं सीएम के बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं में जिरह हुई। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने एक बार फिर 24 फरवरी की तिथि देते हुए आरोपी पक्ष को अपना पक्ष रखने का मौका दिया।