मीडिया ग्रुप, 01 दिसंबर, 2023
उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में गुलदार का आतंक ऐसा सिर चढ़कर बोल रहा है कि उसका प्रभाव शिक्षा से लेकर धर्मस्थलों पर तक पड़ने लगा है। उत्तराखंड में पौड़ी के बाद नैनीताल दूसरा जिला बन गया है जहां गुलदार के खौफ की वजह से स्कूलों को बंद करने की नौबत आई हुई है
नैनीताल। पर्वतीय क्षेत्रों में गुलदार के खौफ ने जहां जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है तो अब इसका असर स्कूलों पर भी पड़ने लगा है। पौड़ी गढ़वाल के बाद अब नैनीताल जिले में भी गुलदार के खौफ से स्कूलों को बंद कर दिया गया है।
इतना ही नहीं मंदिरों में भी शाम पांच बजे के बाद श्रद्धालुओं को आने के लिए मना कर दिया गया है।
क्षेत्र में पसरे गुलदार के आतंक देखते हुए यह फैसला लिया है। गुलदार की दस्तक के चलते क्षेत्र के लोग काफी दहशत में हैं।
गुलदार की नई दस्तक और पुरानी दहशत का इस बार यह मामला नैनीताल जिले का है। जहां गरमपानी क्षेत्र के काकड़ी घाट क्षेत्र में गुलदार के आतंक से ग्रामीण इतने डरे हुए हैं कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए काकड़ी घाट क्षेत्र में प्राथमिक और जूनियर स्तर के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
स्कूल बंद होने के बाद शिक्षा विभाग बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था कर रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी एसएस चौहान ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर गुलदार का आतंक कम होने तक स्कूल को बंद करने और छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने की बात कही है।
खंड शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूल समन्वयक को छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
इसी के साथ गुलदार के आतंक को देखते हुए काकड़ी घाट क्षेत्र में बने सभी मंदिरों की कमेटी ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह शाम को पांच बजे के बाद मंदिर न आएं।
सुरक्षा के लिहाज से किसी भी श्रद्धालु को शाम पांच बजे के बाद मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।