मीडिया ग्रुप, 13 नवंबर, 2023
रिपोर्ट – देवेन्द्र सिंह
उधमसिंह नगर। गुरुद्वारा श्री गुरु हरगोविंद सर नवाबगंज में बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर गुरमत समागम आयोजित किए गए। समागम का शुभारंभ श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के पाठ एवं सर्वत्र सुख-शांति की अरदास के उपरांत किया गया।
ढाढ़ी भाई लखबीर सिंह कोमल ने कहा कि श्री गुरु हरगोबिंद साहिब को ग्वालियर मध्य प्रदेश के किले में तत्कालीन बादशाह जहांगीर के हुकुम से कैद किया गया था।
जहां उन्होंने कथा, कीर्तन एवं अपने उपदेशों के माध्यम से सर्वत्र सुख शांति एवं सभी वर्गों को बिना भेदभाव के रहने का उपदेश दिया।
समागम के दौरान हजूरी रागी जत्था भाई हरजीत सिंह, कथावाचक भाई रतन सिंह तिकोनिया एवं भाई जसवीर सिंह, भाई धर्मवीर सिंह घरांगना, जिला मानसा पंजाब वाले एवं उनके सहयोगी, ढाढ़ी जत्था भाई लखबीर सिंह कोमल श्री अमृतसर, कविशर लखबीर सिंह मस्त श्री अमृतसर, कविशर सतनाम सिंह शौकी यूपी सिख मिशन हापुड़ ,कवि करमजीत सिंह नूर जालंधर, कवि बलबीर सिंह कमल होशियारपुर, कवि कुलवंत सिंह रफीक शाहाबाद, कवित्री सरबजीत कौर अलखदेवा, उत्तराखंड द्वारा हरिजस गायन करके गुरु इतिहास, गुरु मर्यादा, गुरु सिद्धांत की जानकारी प्रदान की।
मुख्य सेवादार बाबा अनूप सिंह ने बताया कि दूर दराज से आने वाले सैकड़ो दुकानदारों द्वारा मेले के रूप में अपनी दुकानें सजाई गई। वहीं सरोवर में स्नान करके लोगों द्वारा सर्व समानता को दर्शाया गया।
ज्ञात हो कि भारत पाक बंटवारे के उपरांत क्षेत्र में पहुंचकर बुजुर्गो द्वारा ऐतिहासिक प्रमाणो के आधार पर श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का आगमन एवं इस स्थान पर उनके द्वारा कुछ समय विश्राम किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई। खुदाई में ऐतिहासिक वस्तुएं भी प्राप्त हुई।
बाबा अनूप सिंह द्वारा संगत का धन्यवाद करते हुए कहा कि मीरी पीरी खालसा अकादमी रतनपुरा में शिक्षण कार्यों के साथ गुरमुखी भाषा, मार्शल आर्ट, खेलकूद एवं धार्मिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है।
उन्होंने सभी क्षेत्र वासियों से अपने बच्चों को मीरी पीरी खालसा अकेडमी रतनपुरा में शिक्षा के लिए भेजने का आहवान किया।