रुद्रपुर : फर्जी वीजा लेकर पहुंचे न्यूजीलैंड तो जाना पड़ा जेल।

मीडिया ग्रुप, 25 अक्टूबर, 2023

रुद्रपुर। पीलीभीत की इमिग्रेशन कंपनी के संचालकों के झांसे में आकर रुद्रपुर के दो चचेरे भाइयों ने न्यूजीलैंड के वर्क परमिट (वीजा) के नाम पर लाखों रुपये गंवा दिए।

जब वे वीजा लेकर न्यूजीलैंड पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें फर्जी वीजा के आरोप में जेल में डाल दिया। उन्होंने अपने संपर्कों से वकील का इंतजाम किया और 1,47,000- 1,47,000 रुपये देकर जेल से बाहर निकले।

इधर, न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने पीलीभीत के चार आरोपियों पर दो केस दर्ज किए हैं। ग्राम मलसी निवासी बलजिन्दर सिंह ने दलबीर, सिमरजीत और इनके भाई सतिंदरपाल के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

रिपोर्ट में बताया कि चारों रिश्तेदार अप्रैल 2023 में मलसा में रहने वाले उसके ताऊ बलबीर सिंह के घर आए थे। दलबीर ने बताया था कि सतिंदर का न्यूजीलैंड की एक कंपनी से अनुबंध है।

एक व्यक्ति को न्यूजीलैंड भेजने में 15 लाख रुपये खर्च होंगे और ट्रैवल टिकट खुद लेनी होगी। उसके चचेरे भाई मंजीत ने उसके साथ ही दो सालों प्रभजीत, सुखमन के लिए वर्क परमिट वीजा की बात की।

आरोपियों के हामी भरने पर उसने और मंजीत ने अपने पासपोर्ट सहित सभी दस्तावेजों के साथ ही एक-एक लाख रुपये उन्हें दे दिए। उसने अपनी जमीन 10 लाख रुपये में गिरवी रख दी।

पांच मई को आठ लाख रुपये ओवरसीज कार्यालय में जमा कर दिए। इस दौरान उसे वर्क परमिट दे दिया और दिल्ली पहुंचने पर पासपोर्ट और टिकट मिलने का भरोसा दिया।

आरोप है कि उसने कुल 16 लाख 40 हजार रुपये संचालकों को दिए थे। चार अगस्त को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट के गेट पर फ्लाइट से कुछ समय पहले सतिंदर की ओर से भेजे गए युवक ने उसको वीजा, पासपोर्ट, टिकट दी थी।

वह इसे लेकर उड़ान में सवार हो गया। इधर, मंजीत की ओर से दर्ज कराए केस में आरोपियों की ओर से इसी तरह से 16 लाख 40 हजार रुपये लेकर न्यूजीलैंड भेजने का जिक्र किया है।

जब बलजिंदर और मंजीत न्यूजीलैंड पहुंचे तो वहां की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि उनका वीजा फर्जी कंपनी की ओर से बनवाया गया है।

मंजीत ने वहीं रहने वाले मित्र गगनदीप के जरिए वकील की व्यवस्था की। दोनों को जेल से बाहर आने के लिए 1,47,000- 1,47,000 रुपये (भारतीय मुद्रा) में खर्च करने पड़े।