मीडिया ग्रुप, 04 अप्रैल, 2023
रुद्रपुर। जिले में कृषि विभाग की टीम ने बारिश से बर्बाद हुई गेहूं की फसल शुरुआती रिपोर्ट कृषि निदेशालय देहरादून को भेज दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जिले के सभी सात विकासखंडों में 18 हजार 500 हेक्टेयर यानी 42 हजार 250 एकड़ क्षेत्र में लगी गेहूं की फसल बर्बाद हुई है। अभी भी गेहूं के नुकसान सर्वे जारी है।
जिला प्रशासन वीडियोग्राफी व ड्रोन के माध्यम से भी गेहूं का नुकसान का सर्वे करा रहा है, ताकि प्रभावित किसानों को आसानी से मुआवजा मिल सके।
जिले में 2.70 लाख एकड़ भूमि में गेहूं की खेती होती है। बीते 20 व 21 मार्च और 31 मार्च व एक अप्रैल को हुई बेमौसमी बारिश से गेहूं की तैयार फसल को काफी नुकसान हुआ है।
कृषि और राजस्व विभाग के शुरुआती संयुक्त सर्वे में 18 हजार 500 हेक्टेयर गेहूं की फसल बर्बाद होने का आंकड़ा सामने आया है।
मुख्य कृषि अधिकारी एके वर्मा ने बताया कि यह रिपोर्ट कृषि निदेेशालय देहरादून भेज दी है। जिले में गेहूं के नुकसान का सर्वे लगातार जारी है।
उन्होंने कहा कि तराई में पूरी कृषि भूमि सिंचित क्षेत्र में है। प्रभावित किसानों को गेहूं के नुकसान का मुआवजा 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मिलेगा।
असिंचित क्षेत्र में मुआवजा प्रति हेक्टेयर सात हजार रुपये मिलता है, लेकिन यहां असिंचित खेती नहीं है।