मीडिया ग्रुप, 03 फरवरी, 2023
रुद्रपुर। राजकीय जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। मरीजों को ओपीडी की लंबी लाइनों के साथ ही डॉक्टरों की तलाश में भी भटकना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में डॉक्टरों के 49 पद स्वीकृत होने के बावजूद वर्तमान में सिर्फ 23 कार्यरत हैं। इनमें से भी पांच डॉक्टर संविदा पर रखे गए हैं।
जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण एक ही डॉक्टर की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस कारण अस्पताल में जिस दिन भीड़ अधिक हो रही है उस दिन सभी मरीजों का नंबर तक नहीं आ पा रहा है। सबसे अधिक समस्या बाल रोग विशेषज्ञ व फिजिशियन की कमी के कारण आ रही है।
कई बार लोग अपने बीमार बच्चों को दिखाने के लिए लंबी लाइन में लगने के बावजूद नंबर न आने से बैरंग लौट जाते हैं। इसी तरह हड्डी रोग विशेषज्ञ की ओपीडी में भी यह समस्या आ रही है। इस संबंध में सीएमओ डॉ सुनीता चुफाल रतूड़ी ने कहा कि डॉक्टरों की कमी को देखते हुए जिला अस्पताल में आईपीएचएस, इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुसार डॉक्टरों की नियुक्ति का प्रस्ताव भेजा गया है।
चोटिल भाई के इलाज के लिए भटकती रही बहन
रुद्रपुर। वर्तमान में जिला अस्पताल की बाल रोग विभागए मेडिसिनए नेत्र रोग, हड्डी रोग आदि की ओपीडी मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में शिफ्ट हो चुकी है लेकिन दो जगह ओपीडी का पर्चा कटने से कुछ मरीज भ्रमित हो रहे हैं।
जिला अस्पताल में ओपीडी का पर्चा कटवाने के बाद मरीज डॉक्टरों की तलाश में जिला अस्पताल में भटक रहे हैं जबकि कई बार डॉक्टर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में बैठ रहे हैं। मरीजों को डॉक्टर के कक्ष की सही जानकारी जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से नहीं दी जा रही है।
बृहस्पतिवार को मछली बाजार निवासी महिला अपने भाई के इलाज के लिए भटकती नजर आईं। उन्होंने बताया कि उनके भाई की हाथ की हड्डी फ्रैक्चर हो गई थी लेकिन पर्चा कटवाने के बावजूद डॉक्टर नहीं मिला।
इसी तरह ट्रांजिट कैंप निवासी दो महिलो ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के कारण ओपीडी की लाइन में नंबर जल्दी नहीं आ पा रहा है। हल्द्वानी से पहुंचे एक महिला ने कहा कि वह अपने रिश्तेदार का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल आए थे लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण हल्द्वानी के निजी अस्पताल में इलाज करवाएंगे।