ऊधमसिंह नगर : पुलिस कर रही मानवाधिकारों का हनन, रुद्रपुर में व्यापारी द्वारा पुलिस की बात का जवाब देने को बताया कार्य में बाधा, मुकदमा किया दर्ज।

मीडिया ग्रुप, 03 नवंबर, 2022

लेखक-

गुरबाज सिंह, विधि संपादक मीडिया ग्रुप

रुद्रपुर। उधमसिंह नगर में नशे, लूट, फायरिंग और हत्या जैसे गंभीर घटनाओं का होना एक सामान्य सी बात होकर रह गया है। पुलिस इन घटनाओं के बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थप थपाने को ही बड़ी उपलब्धि मानने लगी है।

उधमसिंह नगर में नशे का कारोबार लगातार बढ़ रहा है। लूट और हत्या जैसी घटनाएं हो रही है पुलिस जिसे रोक पाने में किसी तरह से सफल होती नहीं दिख रही है जबकि पुलिस कर्मियों द्वारा अपनी कार्रवाई के दौरान जनता के साथ अमानवीय व्यवहार अक्सर देखने को मिलता है। पुलिस आरोपियों में कानून का भय व्याप्त करने में नाकाम हो रही है तो वहीं आम जनता और व्यापारियों के बीच अपना भय बनाकर दहशत का माहौल बना रही है।

ऐसा ही वाक्या रुद्रपुर में देखने को मिला जब व्यापारी को पुलिस के सामने अपना पक्ष रखने मात्र से पुलिस ने व्यापारी के विरुद्ध पुलिस के कार्य में बाधा डालने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया।

बुधवार को रूद्रपुर के नैनीताल रोड स्थित गुलाटी चिकन के स्वामी रवि कुमार को विगत देर रात अपने प्रतिष्ठान पर रूटीन चैकिंग के लिए पहुँची पुलिस की बात का जवाब देना भारी पड़ गया। पुलिस ने व्यापारी के विरुद्ध कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

रूद्रपुर के गुलाटी चिकन सेंटर पर देर शाम पुलिस अवैध रूप से गाड़ियों में बैठ कर शराब पी रहे रईस जदो का चैकिंग अभियान चलाते हुए चलान करने पहुची थी। सड़क पर गाड़ियों में बैठकर शराब पीने के संबंध में पुलिस द्वारा व्यापारी के विरुद्ध कार्यवाही की बात करने पर व्यापारी द्वारा अपनी दुकान के अंदर किसी तरह की शराब ना पीने की बात कह कर अपना पक्ष रखना चाहा जिसको लेकर गुलाटी चिकन के स्वामी रवि कुमार की पुलिस से बहस हुई जिसके बाद पुलिस ने अपने प्रतिष्ठान गुलाटी चिकन के सामने अवैध रूप से शराब पिलाने, पुलिस कार्य में बाधा डालने व पुलिस से बदतमीजी करने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गुलाटी चिकन के स्वामी रवि कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की यह कार्यशैली बताती है कि पुलिस की कार्रवाई सही हो या गलत लेकिन किसी को अपना पक्ष रखने का अवसर नहीं दिया जाएगा। व्यापारी द्वारा अपनी दुकान में कोई गैर कानूनी कार्य किया जा रहा है या उसकी दुकान के सामने शराब पिलाई जा रही है तो उसके विरुद्ध जो भी कार्रवाई बने पुलिस को निश्चित रूप से उसे करनी चाहिए लेकिन यदि व्यापारी ने अपना पक्ष रखने के लिए पुलिस की बातों का जवाब दे दिया तो उसके विरूद्ध पुलिस की कार्यवाही में बाधा डालने जैसे आरोपों को लगाकर मुकदमा पंजीकृत किया जाना पुलिस द्वारा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने के साथ ही मानवाधिकारों के हनन का खुला खेल है।

गदरपुर क्षेत्र में विगत दिनों एक आरोपी की गिरफ्तारी के सिलसिले में दरोगा द्वारा महिला के ऊपर हाथ उठाने का वीडियो काफी वायरल हुआ। ऐसी अनगिनत घटनाएं जिसमें पुलिस द्वारा जनता के साथ मारपीट की बात सामने आती है जिसे पुलिस अधिकारी जांच कराने की औपचारिकता पूरी कर कार्यवाही समाप्त कर देते हैं और वही जब पुलिस को ऐसी घटनाओं के बाद यह आभास होता है कि उनके विरुद्ध भी कोई कार्यवाही या जांच हो सकती है तो पुलिस कार्रवाई में बाधा और पुलिस पर हमले जैसे फर्जी मुकदमे लिखा कर जनता के लोगों को महीनों जेल कटवाते हैं। पुलिस की कार्यशैली मानवाधिकारों के हनन का खुला खेल है।