मीडिया ग्रुप, 07 अगस्त, 2022
काशीपुर। राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय एस्कार्ट फार्म के हेड मास्टर ब्रह्मपाल सिंह में बच्चों की शिक्षा के लिए इतना जुनून है कि यदि बच्चा स्कूल नहीं आया तो वह उसके घर पहुंच जाते हैं। यही नहीं उन्होंने एक अनाथ बच्चे की कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा का सारा भार स्वयं उठाया।
कुंडेश्वरी के एस्कार्ट फार्म स्थित राउप्रा विद्यालय में 7 जनवरी 2011 से तैनात हैड मास्टर ब्रह्मपाल सिंह स्कूल में विज्ञान और गणित की शिक्षा देते हैं।
उन्होंने 28 अप्रैल 1997 को गदरपुर से शिक्षण कार्य शुरू किया था। इसके बाद विभिन्न स्कूलों में शिक्षण कार्य करते रहे। इस दौरान उनकी शिक्षा के प्रति लगन को देखते हुए विभाग ने उन्हें 23 फरवरी 2004 को नए विद्यालय राउप्रा विद्यालय गोपीपुरा पदोन्नति करके भेजा। इस स्कूल में छात्र संख्या काफी कम थी।
उस दौरान यातायात के ज्यादा साधन नहीं होने पर वह ट्रेन से सुबह छह बजे स्कूल पहुंच जाते थे। शिक्षक ब्रह्मपाल सिंह यहां सात साल तक रहे और स्कूल में छात्र संख्या 156 तक पहुंचा दी। उन्होंने बताया कि बच्चा यदि स्कूल नहीं आता तो वह उसके घर पहुंच जाते थे। इस दौरान उन्होंने गोपीपुरा में एक अनाथ बच्चे को कक्षा 6 से 8 तक स्वयं के खर्चे पर पढ़ाई कराई।
इसके बाद विभाग ने उनको कुंडेश्वरी के एस्कार्ट फार्म स्थित राउप्रा विद्यालय 7 जनवरी 2011 को हेड मास्टर बनाकर भेजा। यहां भी छात्र संख्या का अभाव था लेकिन यहां इसका मुख्य कारण क्षेत्र में अन्य स्कूल होने के कारण यह समस्या थी। बताया कि वर्तमान में इस स्कूल में 49 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
उन्होंने कोरोना काल में भी बच्चों के घर जाकर शिक्षण कार्य कराया। वहीं उनको प्रकृति से खासा लगाव है यही वजह है कि उन्होंने स्कूल प्रांगण को हरा-भरा बना दिया। 5 जनवरी 2018 को बीईओ आरएस नेगी ने यहां पौधरोपण कार्यक्रम का शुभारंभ किया था।