मीडिया ग्रुप, 15 जून, 2022
पीएम मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में बुधवार केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई हैं। इस बैठक में 5G नीलामी के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी है। दूरसंचार विभाग ने 5G नीलामी के प्रस्ताव को रखा गया था, जिसे कैबिनेट ने 20 साल के लिए मंजूरी दे दी है। दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक भारत में 5G स्पेक्ट्रम नीलामी जुलाई 2022 के आखिरी में होगी। ऐसे में भारत में जल्द 5G नेटवर्क को कॉमर्शियल रोलआउट कर दिया जाएगा।
दूरसंचार विभाग की तरफ से 72.097.85 MHz स्पेक्ट्रम को जुलाई में नीलामी के लिए पेश किया जाएगा। साथ ही दूरसंचार विभागव की तरफ से कई अन्य फ्रिक्वेंसी बैंड को नीलामी के लिए पेश किय जाएगा। इसमें लो-फ्रिक्वेंससी बैंड्स 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz शामिल हैं। साथ ही मिड बैंड्स 3300 MHz की नीलामी की जाएगी। इसके अलावा हाई फ्रिक्वेंसी बैंड 26 GHz को भी नीलामी के लिए रखा जाएगा।
ऐसी उम्मीद है कि मिड और हाई फ्रिक्वेंसी बैंड्स को टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स की तरफ से 5G टेक्नोलॉजी बेस्ड सर्विस के लिए रोलआउट किया जाएगा। ऐसी उम्मीद है कि 5G सर्विस 4G के मुकाबले 10 गुना फास्ट होगी।
ऐसा देश में पहली बार होगा, जब 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के सफल बिडर को पहले से कोई भुगतान नहीं करना होगा। स्पेक्ट्रम भुगतान 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकेगा, जिसका भुगतान हर साल की शुरुआत में करना होगा। बिडर को 10 साल के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का ऑप्शन दिया जाएगा। बता दें कि दूरसंचार नियामक भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने अप्रैल में मोबाइल सर्विस के लिए 5 जी स्पेक्ट्रम की बिक्री के लिए रिजर्व और फ्लोर प्राइस में 39 फीसद कटौती की सिफारिश की थी।