मीडिया ग्रुप, 05 मई, 2022
रुद्रपुर। ग्राम प्रधान की हत्या में दो भाइयों सहित तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने तीनों पर 32-32 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि ग्राम खुनसरा थाना सितारगंज निवासी महेंद्र पाल सिंह ने रिपोर्ट लिखवाई थी कि उसके पिता ओमप्रकाश ग्राम प्रधान थे। उनके घर के बगल में एक तालाब था। आरोप है कि गांव के ही खेमकरन, ठाकुर सिंह और दयाशंकर ने तालाब को पाटकर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
आरोप है कि ग्राम प्रधान ओमप्रकाश ने इसका विरोध किया था। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद था। 26 मई 2011 को ओमप्रकाश अपने घर के बाहर निकले तो उन्होंने देखा कि वहां लकड़ियां पड़ी थीं तो उन्होंने कब्जा करने वाले खेमकरन, ठाकुर सिंह और दयाशंकर को बुलाकर कहा कि यह लकड़ियां यहां से उठा लो, यह सरकारी जमीन है।
इस पर तीनों ने उन्हें गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी दी लेकिन ग्राम प्रधान ओम प्रकाश ने कहा कि सरकारी जमीन पर किसी को कब्जा नहीं करने देंगे। इस पर खेमकरन और दयाशंकर ने फिर धमकी दी।
आरोप है कि ठाकुर सिंह अपने घर से लाइसेंसी बंदूक निकाल लाया और गोली चला दी। गोली ग्राम प्रधान के दिल के पास लगी। उनका भतीजा चंद्रप्रकाश बचाने आया तो उस पर भी गोली चला दी। छर्रे लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। ग्राम प्रधान ओमप्रकाश को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुकदमा चला जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 11 गवाह पेश किए।
तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने बुधवार को निर्णय सुनाते हुए धारा 302 व 34 में तीनों को आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। धारा 307 में सात वर्ष के कठोर कारावास और पांच-पांच हजार जुर्माना, धारा 504 में छह महीने के कारावास और एक-एक हजार रुपये जुर्माना, धारा 506 में एक-एक वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।