पुलिस ने दबोचा साढ़े तेरह लाख की साइबर ठगी का आरोपी

मीडिया ग्रुप, 29 मार्च, 2022

रूद्रपुर । एसटीएफ ने 13 लाख 54 हजार रुपये की साईबर ठगी के एक आरोपी को गाजियाबाद से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। जानकारी के मुताबिक साइबर ठगों द्वारा राजेन्द्र कुमार निवासी इन्दर रोड, डालनवाला देहरादून के साथ उनकी पुरानी बन्द बीमा पाॅलिसियों को रिवाइज कराये जाने के नाम पर अलग अलग किस्तों में कुल 13 लाख 54 हजार रुपये की धोखाधड़ी करने की घटना को अंजाम दिया गया। जिस पर साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून में अभियोग पंजीकृत किया गया।

उच्चाधिकारियों के आदेश से विवेचना साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊं परिक्षेत्र, रुद्रपुर को स्थानान्तरित हुयी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ उत्तराखण्ड द्वारा मामले की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुये डा पूर्णिमा गर्ग, पुलिस उपाधीक्षक, एस0टी0एफ0/ साईबर के पर्यवेक्षण में अभियोग की विवेचना ललित मोहन जोशी प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन कुमाऊं परिक्षेत्र के सुपुर्द कर टीम गठित की गयी।

विवेचना के दौरान साईबर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर जिससे मैसेज व काॅल की जाती थी, फर्जी आई0डी0 पर आवंटित होने पाये गये। अभियोग में वादी मुकदमा से धोखाधड़ी से जो धनराशि आन्ध्र बैंक व आई0डी0बी0आई0 बैंक खातों में प्राप्त की गयी विवेचना से उक्त खाते में अंकित पते दिल्ली राज्य से सम्बन्धित पाये गये।

अभियुक्तों के बैंक स्टेटमैन्ट का गहराई से अवलोकन करने पर पाया गया कि साइबर ठगों द्वारा पीड़ित से धोखाधड़ी कर ठगी गयी धनराशि को अन्यत्र बैंक खातो में स्थानान्तरित किया गया है। घटना में प्रयुक्त बैंक खातों व मोबाईल नम्बरों के तकनीकी विश्लेषण हेतु टेलीकाॅम कम्पनियों से प्राप्त विवरण का गहनता से विश्लेषण के पश्चात पता तस्दीक व साक्ष्य संकलन हेतु पुलिस टीम को दिल्ली, एनसीआर, उ0प्र0 आदि स्थानों पर रवाना किया गया। इस दौरान मोबाईल नम्बर व बैंक खातो में अंकित पते फर्जी पाये गये।

पुलिस टीम द्वारा तकनीकी विश्लेषण व तस्दीक कार्यवाही में प्राप्त हुये अहम सुरागों को कार्यवाही करते हुये विकसित किया गया तो जानकारी हुयी कि घटना से सम्बन्धित एक अभियुक्त धीरज शर्मा पुत्र रविन्दर शर्मा निवासी 31 ए साउथ अनारकली एक्सटेंशन, गली न 9, कृष्णा नगर, थाना जगतपुरी, ईस्ट दिल्ली से सम्बन्धित 3 करोड़ रुपये की बीमा पालिसी को रिनेवल कराने के मामले में एफआईआर नम्बर 44/2018 में दिल्ली में तिहाड़ जेल जा चुका है।

पुलिस टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये उक्त अभियुक्त को माह अक्टूबर, 2021 में दिल्ली से पूर्व में गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेशानुसार न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। परन्तु, उस समय घटना में शामिल मुख्य अभियुक्त विशाल उर्फ विशाल भटनागर पुत्र स्व नानक चंद साईबर पुलिस के हाथ नहीं आ सका था। अभियुक्त विशाल उर्फ विशाल भटनागर अलग अलग जगह पर अपनी पहचान छुपा कर रह रहा था तथा थोड़े थोड़े समय अन्तराल पर अपना पता बदल रहा था।

साईबर पुलिस टीम द्वारा आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुये अपराधी पर लगातार नजर रख रही थी। इसी बीच पुलिस को अभियुक्त विशाल उर्फ विशाल भटनागर के दिल्ली तथा गाजियाबाद उ0प्र0 के कुछ नये ठिकानों की जानकारी हाथ लगी। जिस पर तत्काल एक पुलिस टीम को अभियुक्त की तलाश व गिरफ्तारी हेतु दिल्ली व उत्तर प्रदेश राज्यों को रवाना किया गया।

पुलिस टीम द्वारा खोज खबर करते हुये बीते दिवस स्थानीय पुलिस टीम के सहयोग से मुख्य अभियुक्त अभियुक्त विशाल उर्फ विशाल भटनागर निवासी म0न0 11 गली न0 35, ब्लाक एच, वेस्ट करावल नगर, नई दिल्ली हाल किराये का पता ई-194, बीसफुटा रोड़, नियर अर्जुन क्लीनिंग, खोया वाली बिल्डिंग, वेस्ट करावल नगर थाना खजूरी खास, दिल्ली को प्रेम नगर, कोतवाली लोनी, जिला गाजियाबाद उत्तर प्रदेश से गिरफ्तारकर लिया।

तलाशी में अभियुक्त के कब्जे से एक मोबाईल फोन भी बरामद हुआ है। एसटीएफ के मुताबिक अभियुक्त विशाल उर्फ विशाल भटनागर सह अभियुक्त धीरज शर्मा के साथ मिलकर लोगों को फोन कर स्वयं को एचडीएफसी बीमा पालिसी का प्रतिनिधि बताकर बीमा पाॅलिसी को रिवाइज करने अथवा बीमा पाॅलिसी पर अधिक बोनस देने आदि का लालच देकर धनराशि की ठगी करते थे।

इस कार्य हेतु अभियुक्तगणों ने विभिन्न बैंको में फर्जी पते पर कई बैंक खाते खुलवाये गये थे। अभियुक्तगण पूर्व में इंश्योरेंश पाॅलिसी के फील्ड में काम कर चुके थे, इसलिये इन्हें इसकी अच्छी जानकारी थी। जब भी कोई पीड़ित इन साईबर ठगों के चंगुल में फंसकर बैंक खाते में धनराशि जमा कराता था, तो अभियुक्तगण इस ठगी गयी धनराशि को तुरन्त ही अपने दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे तथा बाद में स्थानान्तरित धनराशि को चैक तथा एटीएम कार्ड आदि के माध्यम से निकाल कर धनलाभ प्राप्त करते थे।

अभियुक्तगण लोगों को फोन कर बीमा पाॅलिसी के झांसे में फंसाने के लिये मोबाईल नम्बर की सीरिज के नम्बरों पर फोन काॅल करते थे तथा काॅल डेटा सेन्टर से भी लोगों का डेटा प्राप्त कर लोगों को फोन करते थे।

इस कार्य के लिये अभियुक्तगण फर्जी नाम पते पर जारी प्री-एक्टिवेट मोबाईल सिम कार्ड का प्रयोग करते थे। चूंकि, अभियुक्त बैंकों में फर्जी पतों पर खाता खुलवाते थे। एक बार किसी व्यक्ति के इनके जाल में फंस जाने पर ये अभियुक्तगण अपना पता बदल देते थे तथा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बरों के तोड़ कर फेक देते थे।

जिससे कि इसने पकड़े जाने का सम्भावना कम हो थी। अब तक अभियुक्तों के विभिन्न बैंकों में खुलवाये गये 10-12 बैंक खातों की जानकारी पुलिस टीम को हुयी है। साईबर पुलिस टीम इन बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर अन्य राज्यों की पुलिस से सम्पर्क कर इन खातों में आयी धनराशि की डिटेल प्राप्त कर रही है।

साइबर ठग को पकड़ने वाली टीम में निरीक्षक ललित मोहन जोशी, एएसआई सत्येन्द्र गंगोला,आरक्षी मोहम्मद उस्मान,आरक्षी रवि बोरा और आरक्षी नवीन कुमार आदि शामिल थे।