योगी कैबिनेट 2.0 : कैबिनेट में अनुभव-जोश का मिश्रण, एक तरफ वरिष्ठ नेताओं को तरजीह तो दूसरी ओर युवाओं को भी भरपूर मौका
मीडिया ग्रुप, 26 मार्च, 2022
योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में अनुभव और जोश का मिश्रण देखने को मिला। एक तरफ वरिष्ठ नेताओं को तरजीह दी गई है, तो दूसरी ओर युवाओं को भी भरपूर मौका मिला है। कैबिनेट की औसत उम्र 53.3 साल है। पिछली कैबिनेट की औसत आयु 55 साल थी। मतलब इस बार करीब दो साल कम हो गई है।
सबसे ज्यादा 51 से 60 साल की उम्र के कुल 20 मंत्री योगी कैबिनेट में शामिल हैं। 61 से 69 साल की उम्र के 11 मंत्री योगी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। 40 से 50 साल की उम्र के 16 मंत्री हैं। इससे कम उम्र के तीन मंत्रियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टीम में जगह मिली है। मुख्यमंत्री योगी खुद 49 साल के हैं।
ये हैं तीन सबसे युवा मंत्री –
1. संदीप सिंह – यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और फायर ब्रांड नेता रहे कल्याण सिंह के पोते और पिछली सरकार में भी राज्यमंत्री रहे संदीप सिंह सबसे युवा मंत्री हैं। संदीप की उम्र 30 साल है। वह अलीगढ़ की अतरौली विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं।
संदीप ने 2017 में दिए हलफनामा में अपनी उम्र 26 साल बताई थी। ये हलफनामा उन्होंने 18 जनवरी 2017 को दाखिल किया था। ठीक पांच साल बाद 18 जनवरी 2022 को उन्होंने इस बार का हलफनामा दाखिल किया। इसमें उन्होंने अपनी उम्र 30 साल बताई है। यानी, पांच साल में उनकी उम्र में केवल चार साल का इजाफा हो पाया है। संदीप के पास कुल 14.46 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
2. दानिश आजाद अंसारी – योगी सरकार के अकेले मुस्लिम मंत्री दानिश आजाद युवा मंत्रियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर हैं। दानिश की उम्र 32 साल बताई जा रही है। वह न तो विधानसभा और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं। दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है।
जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद ख्यालात लखनऊ विश्वविद्यालय में गूंजने लगे। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच।
दानिश को 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य बनाया गया। बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य भी बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी मिली। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी। अब बगैर चुनाव लड़े उन्हें योगी कैबिनेट में जगह मिल गई है।
3. सतीश चंद्र शर्मा और नितिन अग्रवाल – दरियाबाद से चुनाव जीतने वाले सतीश चंद्र शर्मा और हरदोई के विधायक नितिन अग्रवाल तीसरे सबसे युवा मंत्री हैं। दोनों की उम्र 39 साल है।
ये हैं सबसे बुजुर्ग मंत्री –
- अरुण कुमार सक्सेना – योगी कैबिनेट के सबसे बुजुर्ग मंत्री अरुण कुमार सक्सेना हैं। उन्हें राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। अरुण पेशे से डॉक्टर हैं। उनकी उम्र 73 साल है। बरेली शहर से वह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
- सुरेश खन्ना और सूर्य प्रताप शाही – योगी के सबसे वरिष्ठ सहयोगियों में सुरेश खन्ना और सूर्य प्रताप शाही का नाम है। पिछली कैबिनेट में सुरेश खन्ना के पास वित्त मंत्रालय था, जबकि सूर्य प्रताप शाही कृषि मंत्री थे। दोनों की उम्र 68 साल है। खन्ना लगातार नौंवी बार शाहजहांपुर से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं। वहीं, शाही पांच बार विधायक बन चुके हैं। इस बार पथरदेवा सीट से चुनाव जीते हैं।