मीडिया ग्रुप, 11 दिसंबर, 2021
देहरादून। उत्तराखंड में अवैध खनन के नाम पर भ्रष्टाचार का सनसनीखेज मामला एक बार फिर सुर्खियों में छा गया है। सीएम कार्यालय के एक अधिकारी द्वारा जनपद बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक के नाम भेजा गया एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जिसमें अधिकारी ने बागेश्वर एसपी को पत्र लिखकर खड़िया से भरे चार ट्रकों को छोड़ने के लिए कहा गया था।
सीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में अधिकारी को बर्खास्त कर मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले से ही सभी कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि अवैध खनन को लेकर जीरो टालरेंस अपनाया जाए और ऐसी कोई भी शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट का पुलिस अधीक्षक को आया पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। पत्र में तीन वाहनों के चालान निरस्त करने का आदेश है। मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देश होना पत्र में बताया गया है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर सवा खड़े कर दिए।
आठ दिसंबर के इस पत्र में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार 29 नवंबर को बागेश्वर यातायात पुलिस ने वाहन संख्या यूके02सीए, 0238, यूके02सीए, 1238 और यूके04सीए 5907 के चालन निरस्त करने का कष्ट करें। इसकी प्रतिलिपि संभागीय परिवहन अधिकारी बागेश्वर को भी सूचनार्थ भेजी गई है।
इंटरनेट मीडिया पर पत्र वायरल होने पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया शुरू कर दी है। वहीं वाहन स्वामी मनोज साह के अनुसार दो ट्रक उनके और एक उनके भाई हरीश साह के नाम था। वह खड़िया भर कर हल्द्वानी जा रहे थे। यातायात पुलिस ने ओवर लोड में तीनों के चालान काट दिए। उन्होंने लगभग तीनों ट्रकों के चालान 45 हजार रुपये जमा भी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
बताया कि उनके ट्रक सरकारी राशन का ढुलान करते हैं। दो वर्ष से ढुलान का पैसा लगभग बीस लाख रुपये अभी नहीं मिला है। डेढ़ वर्ष पूर्व उनके पिता का देहांत हो गया था। अभी तक जिला पूर्ति विभाग ने यह धनराशि नहीं दी है। टीआइ को भी आपबीती बताई थी। लेकिन वह नहीं माने और उनके तीनों ट्रकों का चालान एक साथ कर दिया गया।
एसएसपी बागेश्वर अमित श्रीवास्तव के अनुसार तीन ट्रकों के चालान ओवरलोड होने पर किए गए थे। तीन दिसंबर को चालान एआरटीओ को भेज दिए गए थे। पत्र आया है, लेकिन एक्ट में ऐसा प्रविधान नहीं है कि चालान की रकम माफ कर दी जाए।
मुख्यमंत्री के पीआरओ नंदन सिंह बिष्ट का कहना है कि मेरे आफिस से पत्र गया है, मगर उसमें मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं। केवल मेरा नाम लिखा गया है। इसकी जांच होगी। बड़ी बात यह है कि गोपनीय पत्र लीक कैसे हो गया, यह भी जांच का विषय है।
इधर सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस लेटर पर विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सवाल खड़े करते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने वायरल हो रही चिटठी पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि खनन प्रेमी के कारिंदे अपनी ताकत का बेजा इस्तेमाल करते हुए खनन माफिया के पक्ष में प्रशासन पर नाजायज दबाव बना रहे है, मैंने पहले भी कहा कि धामी सरकार में तमाम नियम-कानूनों को ताक पर रखा जा रहा है फिर कहता हूं यदि किसी ने कानूनों से बाहर जाकर गलत काम किया तो उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार बनने पर उन्हें बक्शा नही जाएगा।