रिपोर्ट : बादल गंगवार
देहरादून। ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनर बनाने का झांसा देकर दिल्ली के एक बिल्डर ने पीड़ित से 19 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए उत्तराखंड मूल निवास का बहाना बनाकर देहरादून के अपने एक साथी को इसमें शामिल किया। बिल्डर ने जमीन खरीदने के लिए पीड़ित को अपनी कंपनी का निदेशक बनाया। कंपनी और अपने भाई समेत अन्य लोगों के खातों में पीड़ित से 19 करोड़ रुपये जमा करवा लिए। इसके बाद आरोपी ने फर्जी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कर दूसरी कंपनी में रकम ट्रांसफर कर ली। कोर्ट के आदेश पर राजपुर पुलिस ने बिल्डर समेत तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दिल्ली निवासी मुकेश ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। बताया कि जितेंद्र निवासी विवेक विहार दिल्ली ने देहरादून में जमीन खरीदकर ग्रुप हाउसिंग सोसायटी बनाने का झांसा दिया। कहा कि उत्तराखंड में बाहरी व्यक्ति 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि नहीं खरीद सकता। इसलिए उसने अपने साथी उत्तराखंड मूल निवासी अजय को इसमें शामिल किया। विश्वास में लेने के लिए आरोपी ने पीड़ित और अजय को अपनी कंपनी में निदेशक भी बना दिया। कहा कि जमीन खरीदने के बाद अजय को मुनाफा देकर निदेशक के पद से हटा देंगे। फिर वह और पीड़ित ही निदेशक रह जाएंगे।
पीड़ित के मुताबिक वह आरोपी के झांसे में आ गया और बिल्डर जितेंद्र की कंपनी, उसके भाई और अजय समेत अन्य लोगों के खाते में 19 करोड़ रुपये जमीन खरीदने के जमा करवा दिए। पीड़ित का आरोप है कि बिल्डर ने उनके दिए रुपयों से जमीन नहीं खरीदी। कंपनी में जमा किए रुपयों को दूसरी कंपनी में ट्रांसफर कर दिया। पीड़ित का कहना है कि वह भी कंपनी में निदेशक बनाए गए थे, लेकिन उनके फर्जी व कूटरचित दस्तावेज तैयार कर रकम दूसरी कंपनी में ट्रांसफर की गई। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटी में पार्टनरशिप में ये प्रोजेक्ट चल रहा था। कोर्ट के आदेश पर आरोपी जितेंद्र, अजय और जितेंद्र के भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।