रुद्रपुर। जमानत पर रिहा करोड़ों की जीएसटी चोरी के मुख्य साजिशकर्ता का जमानत आदेश रद्द होने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी के बाद आरोपी मार्च माह में जमानत पर रिहा चल रहा था। जिसके खिलाफ जीएसटी जांच टीम ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका डाली थी। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत द्वारा जमानत आदेश को रद्द करते हुए मुख्य आरोपी को एक सप्ताह के अंदर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है।
बता दें कि विशेष अनुसंधान शाखा एसआईबी द्वारा उपायुक्त रजनीश यशवस्थी और विनय प्रकाश ओझा के नेतृत्व में बनी टीम ने 22 अक्टूबर 2023 को रहमानिया मदीना एनक्लेव जसपुर निवासी युवक को गिरफ्तार किया था। जीएसटी विभाग का आरोप था कि मुख्य आरोपी द्वारा 28 कंपनियों के फर्जी जीएसटी बिल बनाकर 113 करोड़ के आय-व्यय पर 20 करोड़ की जीएसटी चोरी की और अपने नेटवर्क के माध्यम से जीएसटी चोरी का गिरोह संचालित किया। गिरोह का मुख्य साजिशकर्ता शाहनवाज ही है।
विशेष अनुसंधान शाखा के डिप्टी कमिश्नर विनय कुमार ओझा ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपी द्वारा 11 दिसंबर 2023 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत याचिका डाली थी, लेकिन सुनवाई के दौरान याचिका खारिज हुई। बावजूद मार्च 2024 को मुख्य आरोपी को जमानत मिल गई। जमानत के खिलाफ को अनुसंधान ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में याचिका दायर की। 27 मई को याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों की जिरह सुनी और करोड़ों की जीएसटी चोरी के मुख्य साजिशकर्ता की जमानत आदेश को रद्द करते हुए आदेशित किया कि मुख्य आरोपी एक सप्ताह के अंदर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण करे।