उधमसिंह नगर जिला मुख्यालय में विनायक प्लाईवुड एवं विनायक ट्रांसपोर्ट के चार ठिकानों पर 23 मई को आयकर विभाग ने छापेमारी की थीं. आयकर विभाग की छापेमारी को चलते हुए 70 घंटे से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन आयकर विभाग की छापेमारी तीन ठिकानों पर अब भी जारी है. मीडिया के अनुसार कई दिनों से चल रही कार्रवाई के दौरान कारोबारी रोनिक नारंग की तबीयत बिगड़ी गई जिसके चलते वह शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती है। रविवार को रोनिक नारंग से हॉस्पिटल में मिलने पहुंचे व्यापारी को इनकम टैक्स के अधिकारियों ने रोका जिसके बाद व्यापारी नेताओ ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए.
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर जिले के जिला मुख्यालय रुद्रपुर के विनायक प्लाईवुड और विनायक ट्रांसपोर्ट के सिविल लाइन, नारंग फर्नीचर मार्ट, एलाइंस कॉलोनी एवं मॉडल कॉलोनी के चार ठिकानों पर छापेमारी की थी. इनमें से ठिकानों पर आयकर विभाग ने 23 मई से सिविल लाइन, नारंग फर्नीचर मार्ट, एवं मॉडल कॉलोनी जांच शुरू कर दी थी. आईटी विभाग की टीम ने नारंग फर्नीचर मार्ट में 24 मई को अपनी जांच पूरी कर ली. जबकि आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान घर से फरार हुए सौरभ गाबा के घर को 24 मई को आयकर विभाग की टीम ने सीज कर दिया था.
आयकर विभाग ने सौरभ गाबा के भाई नितिन गाबा की मौजूदगी में 25 मई को घर की सील खोलकर जांच अपनी जांच शुरू कर दी. पिछले 72 घंटों से आयकर विभाग की टीम जांच कर रही हैं. सूत्रों की मानें तो यूपी में विनायक प्लाईवुड में गड़बड़ी की ठोस सुबूत मिलने के बाद ही आयकर विभाग में उत्तराखंड में छापेमारी की है. वहीं आयकर विभाग की छापेमारी को लेकर कई राजनीतिक दलों के लोगों ने आयकर विभाग की कार्य प्रणाली सवाल उठाते हुए कहा कि आईटी विभाग की टीम सिर्फ व्यापारी और उनके परिवार को बंधक बनाकर परेशान कर रही है.
आयकर विभाग की टीम ने लंबी जांच के बाद विनायक प्लाईवुड के पार्टनर गुलशन नारंग, उनके पुत्र रोनिक नारंग और सौरभ गाबा के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थीं. सूत्रों की मानें तो विनायक प्लाईवुड में एक कंपनी द्वारा 35 करोड़ के निवेश के बाद से आईटी विभाग सक्रिय हो गया था. यूपी में आयकर विभाग की जांच के बाद ठोस सबूत मिलने के बाद से आयकर विभाग ने सीज और सर्च के तहत कार्रवाई की.