देहरादून। गुमशुदगी के मामले में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। पुलिस ने बिना पड़ताल किए युवक के शव का पोस्टमार्टम कराकर कब्रिस्तान में दफना दिया। युवक के हाथ पर धार्मिक चिह्न होने के बावजूद पुलिस ने रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार नहीं कराया। इससे नाराज परिजनों ने जमकर हंगामा किया। पुलिस ने शव को कब्रिस्तान से बाहर निकालकर श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कराया।
वहीं, पुलिस अधिकारी मामले में संबंधित दरोगा के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। सिविल लाइंस कोतवाली क्षेत्र स्थित आदर्शनगर निवासी अमित ने 15 फरवरी को गुमशुदगी दर्ज कराई थी कि उसका भाई शिवम स्नातक का छात्र है। वह 13 फरवरी से घर से लापता हो गया था। पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज कर युवक की तलाश शुरू कर दी थी।
इसके साथ ही आसपास के थानों और कोतवाली से युवक के लापता होने की जानकारी उपलब्ध कराई थी। इस बीच 17 फरवरी को मंगलौर कोतवाली पुलिस ने गंगनहर से एक शव को बरामद किया था। पुलिस ने व्हाट्सएप ग्रुप पर शव की फोटो डाली थी और उसे पोस्टमार्टम के लिए रुड़की सिविल अस्पताल भेज दिया था लेकिन पुलिस ने शव की शिनाख्त कराने का प्रयास नहीं किया।
मंगलौर पुलिस ने गंगनहर से बरामद किया शव
नियमानुसार 72 घंटे तक शव को शिनाख्त के लिए मोर्चरी में रखा गया। इसके बाद 21 फरवरी को पोस्टमार्टम होने के बाद पुलिस ने बिना पड़ताल किए ही शव को कब्रिस्तान में दफना दिया। परिजन युवक की तलाश करते रहे। इस बीच परिजनों को जानकारी मिली कि एक युवक का शव मंगलौर पुलिस ने गंगनहर से बरामद किया है।
परिजन कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने शव का फोटो दिखाया तो परिजनों से उसे पहचान लिया। इस बीच परिजनों को पता चला कि पुलिस ने उसे लावारिस में दिखाते हुए कब्रिस्तान में दफना दिया है। इससे नाराज परिजनों ने शुक्रवार को जमकर हंगामा किया और पुलिस पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया। साथ ही मामले की शिकायत एसएसपी से कर कार्रवाई की मांग की।
वहीं, सूचना पर पहुंचे अपर तहसीलदार दयाराम की मौजूदगी में पुलिस ने शव को कब्र से निकलवाकर उसका अंतिम संस्कार कराया। उधर, एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि मामले में जांच के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही संबंधित दरोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।