उधमसिंह नगर। भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट के हत्याकांड में चश्मदीद गवाह सेवादार नन्हे की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। बुधवार देर रात उसका शव निर्वाण आश्रम के पीछे खकरा नाले में मिला। पेड़ की जड़ में पैर फंसने से नाले में गिरकर उसकी मौत होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, आश्रम से भागने के प्रयास के दौरान नन्हे नाले में गिर गया था।
बुधवार रात करीब 10 बजे निर्वाण आश्रम परिसर में साधु-संत और सेवादार भोजन कर रहे थे। बताया जा रहा है कि इसी बीच नन्हे (43) लघुशंका के लिए जाने की बात कहकर बाथरूम की ओर गया। करीब 20 मिनट तक जब वह वापस नहीं लौटा तो सेवादारों ने उसकी खोजबीन शुरू की। करीब आधे घंटे तक खोजबीन करने के बाद नन्हे का शव खकरा नाले में पड़ा मिला। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को नाले से बाहर निकाला। बृहस्पतिवार सुबह नन्हे की मौत की खबर शहर में आग की तरह फैल गई। निर्वाण आश्रम में लोगों की भीड़ एकत्र हो गई।
पुलिस हादसे को मान रही मौत की वजह
एसपी सिटी मनोज कत्याल और एसपी क्राइम चंद्रशेखर घोड़के ने घटनास्थल का मुआयना कर साधु-संतों से जानकारी जुटाई। अधिकारियों ने बताया कि खकरा नाले को पार करते समय नन्हे का एक पैर पेड़ की जड़ में फंस गया था, जिससे वह अनियंत्रित होकर नाले के दलदल वाले हिस्से में गिर गया। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि एक हाथ के चोटिल होने के कारण संभवत: वह नाले में गिरने के बाद दोबारा उठ नहीं सका और पानी में दम घुटने से उसकी मौत हो गई। हालांकि मौत की असल वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चल सकेगी।
बुधवार को डीआईजी ने की थी पूछताछ
भारामल मंदिर के महंत श्री हरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या की जांच के लिए डीआईजी योगेंद्र रावत और एसएसपी ने बुधवार को घटना स्थल का निरीक्षण किया था। उन्होंने झनकईया थाने में हत्याकांड के चश्मदीद नन्हे से पूछताछ भी की थी। पुलिस ने आशंका जताते हुए कहा कि शायद पुलिस की पूछताछ से नन्हे घबरा गया था। इस कारण वह आश्रम से भागने का प्रयास कर रहा था।