रुद्रपुर। तृतीय अपर सीनियर सिविल जज न्यायालय ने चेक बाउंस के दोषी को छह महीने के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी पर 8,25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दो दिसंबर 2020 को सिडकुल पंतनगर स्थित रुद्रा इंफ्राटैक प्राइवेट लिमिटेड के अधिकृत चितरंजन श्रीवास्तव ने इंफाईनिटी इंजीनियरर्स सॉल्यूशन के अधिकृत अजय जोशी निवासी आवास विकास के खिलाफ एनआई एक्ट में न्यायालय में परिवाद दर्ज कराया था।
कहा कि 17 जुलाई 2019 को उसने सामान का आर्डर देकर एडवांस के रूप में तीन किस्त में 6,70,358 रुपये का भुगतान किया। सामान की डिलीवरी नहीं कराए जाने पर उन्होंने एडवांस वापस करने का आश्वासन दिया।
30 सितंबर 2020 को इंफाईनिटी सॉल्यूशन फर्म का अधिकृत हस्ताक्षर की हैसियत से आरोपी ने 6,52,068 रुपये का चेक जारी किया था जो कि बाउंस हो गया। इसके बाद अधिवक्ता के माध्यम से कानूनी नोटिस भेजा था लेकिन न नोटिस का जवाब दिया गया और न ही धनराशि वापस दी।
इस मामले की सुनवाई तृतीय अपर सीनियर सिविल जज/एसीजेएस नदीम अहमद की अदालत में हुई। जहां दोषी पाए गए अजय जोशी अधिकृत हस्ताक्षरी इंफाईनिटी सॉल्यूशन को अदालत ने सजा और जुर्माना लगाया। अदालत ने जुर्माने की 8,25,000 रुपये की धनराशि में से 8,20,000 रुपये परिवादी पक्ष को बतौर प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए हैं। बची धनराशि पांच हजार रुपये राजकोष में जमा होंगे।