कुमाऊं में बांग्लादेश के रास्ते अफगानिस्तान से हो रही है ड्रग्स तस्करी

मीडिया ग्रुप, 08 अक्टूबर, 2023

रुद्रपुर। यूपी और दूसरे राज्यों के अलावा अफगानिस्तान की अफीम व अन्य ड्रग्स के बांग्लादेश के रास्ते भी कुमाऊं में पहुंचने की आशंका है। इससे कुमाऊं में नारको आतंकवाद के पैर पसारने का खतरा भी बढ़ सकता है।

शुक्रवार को पुलिस ने अफीम की एक बड़ी खेप को तराई से कुमाऊं के दूसरे क्षेत्रों में खपाने की तस्करों की योजना को विफल कर दिया, लेकिन यह अफीम कहां से लाईजा रही थी, पुलिस ने इसका ठीक से खुलासा नहीं किया।

ऊधम सिंह नगर का कुमाऊं प्रवेश द्वार होने के कारण यहां कई अंतरराज्जीय तस्कर गिरोह सक्रिय हैं, जो रुद्रपुर से चंपावत, पिथौरागढ़, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा और बागेश्वर को नशीले पदार्थों की तस्करी करते हैं।

अक्तूबर 2021 को किच्छा में सात किलो अफीम के साथ झारखंड के दो तस्कर पकड़े गए थे। जनवरी 2022 में एक करोड़ के गांजे के साथ ओडिशा के चार तस्कर गिरफ्तार हुए थे।

बता दें कि अफगानिस्तान में अफीम की बड़े स्तर पर खेती होती है। कई बार यह अफीम दूसरे देशों की युवा पीड़ी नशेड़ी बनाकर बर्बाद करने आदि के रूप में नारको आतंकवाद की इस्तेमाल होती है। तस्कर इसे बांग्लादेश बॉर्डर के माध्यम से भारत में अवैध रूप से भेजते हैं।

यूपी के बरेली आदि क्षेत्रों में कुछ लोग लाइसेंस लेकर अफीम की खेती करते हैं। जानकारों का कहना है कि कई बार लोग लाइसेंस से अधिक क्षेत्रफल में अफीम उगा लेते हैं, जिसे इसी तरफ तस्करों के माध्यम से खपाया जाता है।

तस्कर अफीम को प्रति ग्राम की दर से बेचते हैं। नशे की आदी लोगों को अफीम बेचने के लिए वह कारों का इस्तेमाल करते हैं। कार में ही तराजू भी रखते हैं।

जिले में इस साल बरामद नशीली सामग्री

चरस – 15.321 किग्रा

डोडा – 69.551 किग्रा

अफीम- 19.316 किग्रा

स्मैक – 04.826 किग्रा

गांजा – 99.215 किग्रा