हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद हड़ताल जारी रखने वाले वकीलों को अवमानना नोटिस जारी, बार का चुनाव लड़ने पर भी रोक।
मीडिया ग्रुप, 27 मार्च, 2024
हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद हड़ताल का लिखित ज्ञापन देने पर वकीलों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सिवनी जिला बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अगले एक महीने तक कोई भी पदाधिकारी किसी भी न्यायालय में पैरवी के लिए उपस्थित नहीं हो पाएगा। इसके अलावा कोई भी पदाधिकारी अगले 3 साल तक बार एसोसिएशन का कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
सिवनी बार एसोसिएशन ने हड़ताल कर दी थी
दरअसल, सिवनी जिले में नवीन न्यायालय परिसर बनाया जा रहा है। वकीलों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। वकील इसमें शामिल सभी पक्षों की सुविधा के लिए कलक्ट्रेट और जिला न्यायालय की निकटता की वकालत कर रहे थे।
यह विवाद राज्य सरकार द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय को नागपुर रोड पर एक स्थान पर स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने से उपजा है, इस फैसले का सिवनी में वकीलों के विरोध का सामना करना पड़ा था। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि नया कलक्ट्रेट, जो वर्तमान में निर्माणाधीन है, को भी वकीलों और वादकारियों दोनों के लिए पहुंच की सुविधा के लिए नागपुर रोड पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
सिवनी जिला बार एसोसिएशन ने न्यायिक कार्य से विरत रहने अर्थात हड़ताल पर चले जाने का ऐलान कर दिया। तीन दिन तक न्यायालय का कामकाज ठप हो गया। इस मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने वकीलों के इस प्रदर्शन को विधि विरुद्ध माना और हड़ताल की घोषणा करने वाले सिवनी जिला बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी को प्रतिबंधित कर दिया।
हड़ताल को असंवैधानिक बताने वाले उच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद, लगभग 95 अधिवक्ताओं ने हड़ताल जारी रखने के लिए आवेदन प्रस्तुत किए, जिसके बाद अदालत ने उनमें से 65 को अवमानना नोटिस जारी किया और अदालत में उनकी उपस्थिति का आदेश दिया।