उधमसिंह नगर : जिला आयुर्वेदिक अस्पताल में छत से गिरता प्लास्टर और झांकते सरिये दे रहे हादसों को दावत

रुद्रपुर। भवन की दीवारों पर उगे पेड़, छत से गिरता प्लास्टर और झांकते, यह हाल जिला आयुर्वेदिक पंचकर्म अस्पताल के भवन का है। यहां स्वास्थ्य कर्मी डर के साए में काम रहे हैं। छत से गिरने वाले प्लास्टर से बचने के लिए हेलमेट पास में रखते हैं।

प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 16 फरवरी 1952 को नगर में कालोनाइजेशन चिकित्सालय का उद्घाटन किया था। जब रुद्रपुर जिला बना तो इस अस्पताल को जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय के नाम से उच्चीकृत कर नैनीताल हाईवे के किनारे सरकारी भूमि पर बना दिया गया। लेकिन आयुर्वेदिक अस्पताल को साल 2007 में पुराने जिला चिकित्सालय के भवन में स्थानांतरित कर दिया गया। तब से यह अस्पताल इसी भवन में चल रहा है।

अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन 50 से 100 मरीज आते हैं। पांच से सात पंचकर्म विधि के रोगी भी पहुंचते हैं। अस्पताल का भवन जर्जर हालत में है। कमरों की खिड़कियां और शीशे टूटे हैं। छत खस्ता हाल है। हल्की बारिश में छत टपकती है।

ऐसे में जर्जर भवन की छत कब गिर जाए, इसे लेकर कर्मचारी आशंकित रहते हैं। स्वास्थ्य कर्मी बताते हुए कि जर्जर भवन में डयूटी के दौरान खुद की सुरक्षा के लिए हेलमेट रखना पड़ता है। न जाने कब छत से मलबा ऊपर आकर गिर जाए। शौचालय बने तो हैं, लेकिन पानी न होने से इस्तेमाल करने लायक नहीं है।

चार दिन पहले डीएम उदयराज सिंह को अस्पताल के लिए जमीन दिलाने के लिए पत्र लिखा है। इससे पहले अक्तूबर में डीएम से पत्र के माध्यम से जमीन की मांग की गई थी। जमीन मिलते ही नए अस्पताल भवन का निर्माण कराया जाएगा। अभी अस्पताल की मरम्मत के लिए तीन लाख रुपये का बजट मिला है।

– डॉ. आलोक कुमार शुक्ला, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी