उधमसिंह नगर : जिन्हें लावारिस छोड़ दिया, वे अब लोगों के ‘वारिसों’ के लिए बन रहे हैं जानलेवा

मीडिया ग्रुप, 30 अक्टूबर, 2023

उधमसिंह नगर। खुलेआम घूम रहे लावारिस जानवर सड़क दुर्घटनाओं का सबब बन रहे हैं। बावजूद इसके प्रशासन का इस समस्या की तरफ विशेष ध्यान नहीं है। आपको बता दें कि खटीमा के दीया गांव में लावारिस जानवरों के लिए गोशाला का निर्माण चल रहा है लेकिन अभी इसका कार्य पूरा होने में एक माह से अधिक समय लग सकता है।

खटीमा, झनकट और चकरपुर से गुजर रहे हाईवे और मेलाघाट मार्ग पर लंबे समय से लावारिस जानवर खुलेआम घूम रहे हैं। इनसे टकराकर अक्सर सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई जानवर शहरी क्षेत्र में भी वाहनों को क्षतिग्रस्त कर रहे हैं।

27 अगस्त को भी खटीमा-चकरपुर के बीच हनुमान मंदिर के समीप स्कूटी से घर लौटते तिगरी निवासी दीपक खनका लावारिस जानवर से टकराकर घायल हो गए थे। चकरपुर चौकी पुलिस ने घायल को खटीमा उप जिला अस्पताल में पहुंचाकर जान बचाई थी।

रुद्रपुर : गोशाला के लिए भूमि मिली, डीपीआर हो रही तैयार

रुद्रपुर के लंबाखेड़ा में गोशाला के लिए नगर निगम को ढाई एकड़ भूमि मिल गई है। अब निगम की ओर से गोशाला बनाने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। अभी तक निगम की ओर से 100 निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गोशाला छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये खर्च किए गए हैं।

प्रत्येक पशु के लिए गोशाला में 5000 रुपये चारे के लिए दिए जाते हैं। रुद्रपुर में गोशाला नहीं होने से टांडा जंगल के साथ नेशनल हाईवे पर आवारा जानवर अक्सर दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।

पशुपालन विभाग के एक अनुमान के मुताबिक जिले में 5000 से अधिक लावारिस जानवर हैं। नगर निगम प्रशासन रुद्रपुर की ओर से क्षेत्र से 100 लावारिस जानवर पकड़कर बाजपुर, सितारगंज और किच्छा गोशाला भेजे गए हैं।

शांतिपुरी और पंतनगर में हो चुके हैं छह हादसे

क्षेत्र में लावारिस जानवरों से किसान और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम जवाहरनगर और शांतिपुरी मुख्य मार्ग में पशु सड़क पर खड़े रहते हैं। इसके चलते अक्सर पशुओं से वाहनों के टकराने की घटनाएं हो रही हैं। पंतनगर और शांतिपुरी क्षेत्र में छह से अधिक हादसों का कारण लावारिस जानवर बन चुके हैं। किसानों का कहना है कि ये जानवर उगाई गई चरी के साथ ही सब्जियों को नष्ट कर रहे हैं।

काशीपुर में लावारिस पशुओं को रखने की व्यवस्था नहीं

क्षेत्र में लावारिस जानवरों को रखने के लिए अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है। लगभग दो माह पूर्व गोशाला निर्माण का प्रस्ताव मुख्यमंंत्री के सम्मुख रखा गया था। इसके बाद बाजपुर रोड स्थित आलू फार्म की तीन एकड़ भूमि गोशाला के लिए नगर निगम प्रशासन को दी गई है।

मेयर ऊषा चौधरी ने बताया कि लगभग दो करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा रहा है। स्वीकृति मिलने के बाद उस पर निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया काशीपुर की गोशाला जिले की सबसे बड़ी गोशाला होगी।

बताया काफी समय पहले मुरादाबाद रोड स्थित पुराने ढेला पुल के पास गोशाला निर्माण के लिए भूमि चिह्नित की गई थी लेकिन वहां गोशाला बनाने की योजना किन्हीं कारणों से निरस्त कर दी थी। इसके बाद अब आलू फार्म में गोशाला बनाने की योजना है।