मीडिया ग्रुप, 03 जनवरी, 2022
देश में सोमवार से किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू हो रहा है। कोराना संक्रमण में तेजी को देखते हुए युवाओं को इसके खतरे से बचाने के लिए टीकाकरण को लेकर सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 15 से 18 वर्ष के किशोरों के लिए अलग-अलग टीका केंद्र बनाने की हिदायत दी है, ताकि कोविड वैक्सीन का घालमेल न हो पाए।
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के गहराते खतरे के बीच किशोरों का सोमवार से टीकाकरण शुरू हो रहा है। सबसे पहले 15-18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इस आयुवर्ग के लिए सिर्फ भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी दी गई है।
कंपनी ने दावा किया था कि बच्चों पर उसकी वैक्सीन वयस्कों की तुलना में ज्यादा प्रभावी पाई गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से वैक्सीन मिक्सिंग से बचने के लिए विशेष इंतजाम करने को कहा है।
किशोरों के टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर शनिवार से ही रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया था। पोर्टल के रविवार शाम सात बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक इस आयुवर्ग में छह लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुआ है।
किशोरों के टीकाकरण के लिए जारी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ ही आन स्पाट यानी मौके पर भी रजिस्ट्रेशन की सुविधा है। दूर दराज या जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां के किशोर सीधे टीका केंद्र जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और उन्हें तुरंत टीका भी लगाया जाएगा।
दिशानिर्देशों के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रधान सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के साथ आनलाइन बैठक की।
उन्होंने 15-18 आयुवर्ग के किशोरों को टीका लगाने वालों और टीकाकरण टीम के सदस्यों का ओरिएंटेशन सुनिश्चित करने और लाभार्थियों को टीकाकरण केंद्रों की सही-सही जानकारी मुहैया कराने की भी सलाह दी।
चूंकि, किशोरों को सिर्फ कोवैक्सीन ही लगाई जानी है इसलिए मांडविया ने टीकाकरण के दौरान वैक्सीन मिक्सिंग से बचने के लिए किशोरों के लिए अलग टीकाकरण केंद्र बनाने, इनके लिए अलग समय निर्धारित करने, अगर एक ही समय हो तो अलग लाइन लगाने और अलग टीमें बनाने की भी सलाह दी है।
बता दें कि वयस्कों का पहले से ही टीकाकरण हो रहा है और उन्हें कोवैक्सीन के साथ ही कोविशील्ड और स्पुतनिक वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कोविन पोर्टल का उपयोग करते हुए जिला स्तर पर लाभार्थियों के आधार पर वैक्सीन की आवश्यक डोज की जानकारी दें। साथ ही पहले से तय टीकाकरण केंद्रों को कोवैक्सीन के वितरण की योजना बनाने को भी कहा गया है।
मंत्रालय के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पास अभी 19.81 करोड़ डोज का भंडार पड़ा है। बैठक में कई मुद्दों पर हुई विस्तृत चर्चा मांडविया के साथ राज्यों की आनलाइन बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण भी मौजूद थे।
इसमें कोरोना प्रबंधन के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें अस्पताल में सुविधाओं को मजबूत करना, जांच बढ़ाना और संक्रमण के प्रसार की चेन को तोड़ने के लिए सख्त उपाय करना शामिल था। कोरोना से बचाव के नियमों के अनुपालन पर भी विशेष जोर दिया गया।