जीवित दादी को मृत बताकर पोतों ने हड़प ली सम्पत्ति।

मीडिया ग्रुप, 25 सितंबर, 2023

रुद्रपुर। परिवार के बुजुर्गों की संपत्ति हड़पने के लिए उनके कई वारिस तमाम हथकंडे अपनाते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें पोत्रों द्वारा सरकारी दस्तावेजों में फर्जी रूप से अपनी दादी का निधन दर्शाकर उनकी संपत्ति पर कब्जा कर लिया।

वह इतने पर ही शांत नहीं हुए। अब वह दादी के पास पहुंचकर उसके वर्तमान घर पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पीड़िता ने एसएसपी को शिकायती पत्र सौंपकर न्याय की गुहार लगाई है।

छोटी पत्नी स्व हसन अली निवासी ग्राम कठर्रा गऊघाट किच्छा ने पत्र में कहा है कि वह गरीब परिवार की विधवा महिला है। उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया था।

महिला ने कड़ी मेहनत मजूदरी करके वर्ष 08-11-1974 में एक प्लाट जरिये स्टाम्प के माध्यम से क्रय किया गया था। जिसकी स्वामित्व वाली खतौनी भी उसके नाम है।

नन्हीं का कहना है उसके पौत्र मैसर, आमिर, अजीम, बबली, सौली जो कि विगत काफी समय से तहसील दातागंज कस्बा उसैद बदायू उत्तर प्रदेश में निवास करते है।

उक्त लोग आपराधिक किस्म के व्यक्ति है और जबरन आकर उसकी सम्पत्ति पर कब्जा करना चाहते है। इनमें से किसी के भी द्वारा कभी भी उसकी कोई देखभाल आदि नहीं की गयी है।

बल्कि बुरे समय में उसकी सगी पुत्री कैंसर जहाँ पत्नी आरिफ खॉ निवासी ग्राम कठर्रा गऊघाट द्वारा मेरी देख रेख आदि की जाती है बीमार होने पर मेरी दवाई आदि का प्रबन्ध करते है।

पति की मृत्यु होने के उपरान्त उनके नाम तहसील दातागंज कस्बा उसैद बदयू उत्तर प्रदेश में भूमि दर्ज होनी थी जो कि इन पोत्रो द्वारा यह कहकर कि दादा के बाद दादी नन्ही भी मृत्यु हो गयी है।

कोई वारिस नहीं है झूठ कहकर सारी सम्पत्ति कौसर खाँ के नाम करवा ली और धोखा धड़ी कर उसे मरा हुआ बताते हुये हिस्सा मार लिया है और उक्त भूमि को बेच बेचकर खा गये।

नन्हीं का आरोप है कि उक्त लोग 10-12 दिन से मेहमानी के तौर पर मेरे यहाँ आये और अब जाने को तैयार नहीं है। कहते है ये उनका घर है यहीं रहेगें।

मैसर खाँ द्वारा 24-07-2004 को अपनी पत्नी का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। जिसका विवाद काफी समय तक चला और वह इस घटना के कारण जेल भी काटकर आया है। उसे डर है कि वह सम्पत्ति कब कब्जा कर सकते है।

इसकी जानकारी कलकत्ता फार्म चौकी व थाना कोतवाली किच्छा में दी। परन्तु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। एसएसपी ने सीईओ किच्छा को मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।