मीडिया ग्रुप, 23 सितंबर, 2023
रूद्रपुर। पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने नाबालिग लड़की को भगा ले जाकर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास और पचास हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी।
विशेष लोक अभियोजक विकास गुप्ता ने बताया कि बाजपुर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने 13.08.2020 को रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए कहा कि बीती 10.08.2020 को परिवार के साथ बाजपुर में दोपहर क़रीब 12 बजे खरीरदारी करने गया था साथ में उनकी 17 वर्षीय नाबालिग पुत्री भी थी।
इसी बीच मौका देखकर थाना बाजपुर क्षेत्र में रहने वाले सतीश उनकी नाबालिग पुत्री को फुसलाकर ले गया, सतीश शादीशुदा व दो बच्चों का पिता है। उसका पुत्री के साथ पहले से ही मेल मिलाप था साथ ही कहा कि पुत्री को भगाने में सतीश के भैया व भाभी की साज़िश है।
कहा है कि सतीश 08.08.2020 को फार्म हाउस से अपना सामान ले गया था, जब उन्होंने सतीश को फ़ोन किया तो उसने स्वयं को कभी बरेली तो कभी सितारगंज होना बताया। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने 14.08.2020 को लड़की को महेशपुरा थाना बाजपुर से दिन के क़रीब 12 बजे सतीश के क़ब्ज़े से बरामद कर लिया, मेडिकल परीक्षण में दुराचार की पुष्टि हुई है।
एडीजीसी विकास गुप्ता ने 8 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने बसन्त को धारा 5/6 पॉस्को एक्ट में 20 वर्ष के कठोर कारावास और 25 हज़ार रुपये जुर्माने, धारा 363 में 4 वर्ष के कठोर कारावास और 10 हज़ार रुपये जुर्माने एंव धारा 366 में 5 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हज़ार रुपये जुर्माने की सज़ा सुना दी साथ ही कहा कि जुर्माने की धनराशि में से आधी धनराशि पीडिता को दी जायेगी।
पॉस्को न्यायाधीश अश्वनी गौड़ ने सरकार को निर्देश दिए कि पीडिता को क्षतिपूर्ति के रूप में 4 लाख रुपये प्रदान करें।