मीडिया ग्रुप, 17 जून, 2023
रुद्रपुर। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंश कंपनी के मंडलीय प्रबंधक को परिवादी को अदा किए 15,00,000 रुपये के बीमा दावे पर दस महीने का ब्याज देने के आदेश दिए हैं। कंपनी को निर्णय की तारीख से 30 दिन के भीतर रुपये देने होंगे।
काशीपुर निवासी आनंद ने आयोग में 29 जनवरी 2021 को मंडलीय प्रबंधक टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंश कंपनी सेक्टर 16 नोएडा के खिलाफ वाद दायर किया था। उन्होंने कहा था कि उसके बेटे ने अपनी बाइक का बीमा 5818 रुपये का प्रीमियम देकर 19 अक्तूबर 2018 से 18 अक्तूबर 2019 तक के लिए कराया था।
कंपनी की ओर से बीमा करते समय उसके बेटे का सीपीए 15,00,000 रुपये का किया गया था। आठ सितंबर 2019 को अज्ञात वाहन ने उसके बेटे की बाइक पर टक्कर मार दी थी और दो दिन बाद उसके बेटे की मृत्यु हो गई थी। उसने घटना की रिपोर्ट रामनगर कोतवाली में दर्ज कराई थी।
21 जनवरी 2020 को रजिस्टर्ड डाक से बीमा कंपनी को सूचना भेजी थी। इसके बाद 24 फरवरी 2020 को फिर से कंपनी को सूचना दी गई थी लेकिन कंपनी की ओर से बीमित धनराशि का भुगतान न कर बीमा पॉलिसी की शर्तें का उल्लंघन किया है और उपभोक्ता सेवा में कमी की है।
इधर बीमा कंपनी ने आठ अक्तूबर 2021 को बीमा दावे की 1500000 रुपये की धनराशि एनईएफटी से परिवादी के बैंक खाते में जमा करने के साक्ष्य उपलब्ध कराए थे। इस मामले की सुनवाई करते हुए आयेाग अध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह, सदस्य नवीन चंद्र चंदोला, देवेंद्र कुमारी तागरा की पीठ ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बीमा कंपनी को आदेश दिया है।
आदेश में कहा गया है कि वह परिवादी को नौ अक्तूबर 2021 को अदा किए गए 1500000 रुपये पर 29 जनवरी 2021 से नौ अक्तूबर 2021 तक की अवधि का सात फीसदी वार्षिक साधारण ब्याज का भुगतान करे।