मीडिया ग्रुप, 19 मई, 2023
रुद्रपुर। वाद के तथ्य इस प्रकार है कि रुद्रपुर के निवासी के द्वारा एक लोन कंपनी पर एक मुकदमा स्थाई लोक अदालत जन उपयोगी सेवाओं के अंतर्गत रुद्रपुर जिला उधम सिंह नगर में दायर किया था।
मुकदमे में कहा गया कि उसके द्वारा उक्त कंपनी से एक वन फ्रीडम कार्ड जारी करवाया था और उसने वह कार्ड वर्ष 2021 में बंद करवा दिया गया और कोई लोन बकाया नही था।
दिसंबर 2021 में कंपनी द्वारा बताया उसे बताया कि उक्त कार्ड के लोन का आज तक 3673/- रुपए बकाया चल रहे है। बकाया जमा करने को कहा और वादी को कंपनी ने बकाया जमा करने के साथ ही साथ आपको 3673/- रूपए जमा करने पर कैशबैक आएगा।
वादी के द्वारा 3673/- रूपए जमा करवा दिए लेकिन काफी समय तक कपंनी से संपर्क करने के बाद भी कोई कैशबैक नहीं आया और कंपनी पर 3673/- रूपए ठगने का आरोप लगते हुए 50,000 रूपए मुआवजे की मांग की गयी।
कंपनी की और से कम्पनी के पैनल अधिवक्ता गौरव कुमार मिड्ढा के द्वारा पैरवी की गयी और अपने जवाब में कहा कि वादी के द्वारा बताया गया कार्ड नंबर प्रतिवादी कंपनी के द्वारा जारी नहीं किया गया है और न ही कंपनी के डेटाबेस से मिलान खा रहा है।
ये भी खा गया की वादी के द्वारा उक्त कार्ड जारी करने के समबन्ध में कोई कागजात पेश नहीं किया और न ही उक्त 3673/- रूपए कंपनी के पक्ष में जमा करने का कोई ही दस्तावेज दाखिल किया है। दाखिल किया गया वाद केवल कंपनी की छवि खराब करने के लिए किया गया है।
इस पर स्थाई लोक अदालत, रुद्रपुर – जिला उधम सिंह नगर के द्वारा अपना फैसला दिया और अपने फैसले में कहा कि वादी के द्वारा विश्वसनीय साक्ष्य पत्रावली में न दाखिल करने के अभाव वादी का वाद विपक्षी कंपनी के विरुद्ध निरस्त किया जाने योग्य है और ठोस सबूतों के आभाव में मुकदमा खारिज कर दिया गया।