मीडिया ग्रुप, 15 मार्च, 2023
उत्तराखंड में फर्जी डॉक्टर मामले में जांच कर रही पुलिस ने अब दिल्ली के एक फर्जी डॉक्टर को गिरफ्तार किया है। आरोपी ने इस गिरोह के सरगना इमलाख से साढ़े छह लाख रुपये में डिग्री खरीदी थी।
पकड़े गए युवक का भी भारतीय चिकित्सा परिषद में रजिस्ट्रेशन कराया गया था। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
सीओ अनिल कुमार जोशी ने बताया कि इस मामले में अब तक 16 गिरफ्तारी हो चुकी हैं। जांच में पता चला था कि उत्तरी दिल्ली निवासी डॉक्टर भी फर्जी डिग्री के आधार पर प्रैक्टिस कर रहा है।
फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए उत्तराखंड से टीम को दिल्ली रवाना की गई। पुलिस ने मंगलवार को उसे हिरासत में ले लिया। फर्जी डॉक्टर ने बताया कि उसकी मुलाकात इमलाख के भाई के माध्यम से हुई थी।
इमलाख के भाई ने खुद को बाबा कॉलेज का पीआरओ बताया था। उसने बताया था कि वह उसे बीएएमएस की डिग्री दिलवा देगा। इसके लिए उसे एक सप्ताह में क्लास के लिए बाबा कॉलेज में आना पड़ेगा।
इस झांसे में आकर उसने साढ़े छह लाख रुपये में डिग्री खरीद ली। कुछ दिनों बाद इमलाख के भाई ने कहा कि अब वह खुद को चिकित्सा परिषद की उत्तराखंड शाखा में रजिस्टर्ड करा सकता है।
फर्ज़ी डॉक्टर ने खुद को परिषद में रजिस्टर्ड करा लिया। उसे लगा कि सारा काम एकदम सही है। वह प्रैक्टिस भी करने लगा। यह डिग्री भी राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस कर्नाटक की बताकर दी गई थी।
देहरादून का पता दर्शाकर कराया रजिस्ट्रेशन
फर्जी डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उसके पते को देहरादून महबूब कॉलोनी दर्शाया गया था। डॉक्टर का कहना है कि वह इस पते पर कभी आया भी नहीं था।
तीन लोगों ने परिषद के बाहर ही उससे साढ़े छह लाख रुपये लिए थे। तीनों लोग खुद को आपस में भाई बता रहे थे।
सीओ अनिल कुमार जोशी ने बताया कि इनमें से इमलाख और उसके एक भाई को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि, दो भाइयों को नामजद किया गया है।