मीडिया ग्रुप, 22 फरवरी, 2023
तुर्किए में आए भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली। लाखों लोग बेघर हो गए और लगभग इतने ही लोग घायल भी हुए। रेस्क्यू ऑपरेशन बीते कई दिनों से लगातार चल रहा है।
इस सबके बीच, भारत के राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान (NGRI) के मुख्य वैज्ञानिक ने उत्तराखंड में भी तुर्किए के जैसे भूकंप की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि उत्तराखंड में भी तुक्रिए की तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है।
डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने मीडिया को बताया कि उत्तराखंड क्षेत्र में सतह के नीचे बहुत तनाव पैदा हो रहा है और तनाव को दूर करने के लिए एक भूकंप का आना अनिवार्य हो जाता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि भूकंप की तारीख और समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
‘जीपीएस पॉइंट हिल रहे हैं’
उन्होंने कहा, “हमने उत्तराखंड पर केंद्रित हिमालयी क्षेत्र में लगभग 80 भूकंपीय स्टेशन स्थापित किए हैं। हम वास्तविक समय में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।”
उन्होने यह भी कहा की “हमारा डेटा दिखाता है कि तनाव काफी समय से जमा हो रहा है। हमारे पास क्षेत्र में जीपीएस नेटवर्क है। जीपीएस पॉइंट हिल रहे हैं, जो सतह के नीचे होने वाले परिवर्तनों का संकेत दे रहे हैं।”
‘उत्तराखंड में भी आ सकता है भारी भूकंप’
डॉ. राव ने कहा कि पृथ्वी के साथ क्या हो रहा है, यह निर्धारित करने के लिए वेरियोमेट्रिक जीपीएस डाटा प्रोसेसिंग विश्वसनीय तरीकों में से एक है।
राव ने जोर देकर कहा, “हम सटीक समय और तारीख की भविष्यवाणी नहीं कर सकते, लेकिन उत्तराखंड में कभी भी भारी भूकंप आ सकता है।” बता दें कि वेरियोमीटर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में भिन्नता को मापते हैं।
8 और उससे अधिक तीव्रता के भूकंपों को “ग्रेट अर्थक्वैक” कहा जाता है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्किए में 7.8 तीव्रता वाला भूकंप आया था। उन्होंने कहा, “तकनीकी रूप से इसे एक बड़ा भूकंप नहीं कहा जा सकता है, लेकिन खराब गुणवत्ता वाले निर्माण सहित कई वजहों से तुर्किए में तबाही अधिक थी।”