मीडिया ग्रुप, 05 अगस्त, 2022
देहरादून में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर मामले में अब तक 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इस लेनदेन की जानकारी एसटीएफ ने ईडी, आईबी और अमेरिका में एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) समेत दस एजेंसियों को भेजी है।
इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट ने भी एसटीएफ को बहुत सी जानकारी मुहैया कराई हैं। इस मामले में एक मीडिया हाउस का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी भी एसटीएफ जांच में जुटी हुई है। एसटीएफ ने गत 21 जुलाई को न्यू रोड स्थित कॉल सेंटर में छापा मार 14 लोगों को गिरफ्तार किया था।
300 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई थी। मौके से 1.26 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इस कॉल सेंटर से अमेरिका और कनाडा के लोगों से बात की जाती थी। उनके कंप्यूटर में एक वायरस भेजकर उसे हैंग कर दिया जाता था।
इसके बाद इस समस्या को दूर करने के लिए उनसे डॉलर लेकर उसे ठीक कर दिया जाता था। एसटीएफ ने 250 लैपटॉप और 85 कंप्यूटर बरामद किए थे। इसमें एसटीएफ को मनी लॉड्रिंग होने की बात भी पता चली थी। इसके लिए सरकार को भी जानकारी दी गई थी। अब एसटीएफ को फरार लोगों की तलाश है।
साथ ही जिन लोगों की शह पर कॉल सेंटर चल रहा था, उनकी भी तलाश की जा रही है। अब तक की जांच में एसटीएफ को 225 करोड़ रुपये के लेनदेन का पता चला है। इसकी जानकारी अब कई एजेंसियों से साझा की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आसूचना ब्यूरो (आईबी), फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) अमेरिका, रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी), डिपार्टमेंट ऑफ टेक्नोलॉजी (डीओटी), सीजीएसटी, एसजीएसटी, राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट।