मीडिया ग्रुप, 02 जनवरी, 2022
पुदीना, पेपरमिंट या पिपरमिंट का महत्व आयुर्वेद में बताया गया है। सेहत संबंधी कोई भी परेशानी हो पुदीना से घरेलू नुस्खों के जरिए उन्हें ठीक किया जा सकता है। पुदीना का प्रयोग स्वाद और औषधीय गुणों के लिए कभी भी किया जा सकता है।
पिपरमेंट सूखी खांसी में बहुत फायदा करता है क्योंकि इसका मेंथोल कम्पाउंड गले को राहत देता है। इसके साथ ही यह गले की जलन हो या दर्द दोनों को कम करने में मदद करता है। अगर सिर्फ दिन में 2 से 3 बार पिपरमेंट का सेवन किया जाए तो खांसी की समस्या दूर होने लगती है।
पुदीना में एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सक्षम हैं। पुदीने में कई सारे पोषक तत्व भी होते हैं। जैसे- मेंथोल, आयरन, वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मैंगनीज, विटामिन सी, विटामिन-ए, राइबोफ्लेविन और कॉपर आदि पोषक तत्व होते हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच लोगों को पुदीना को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए, क्योंकि यह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में भी सहायक है। कोरोना से अपनी सुरक्षा के लिए लोगों को नियमित रूप से पुदीने का सेवन करना चाहिए।
आइए जानते हैं पुदीना के फायदे-
पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है। आंत्र कृमि में पुदीने का रस दें। अजीर्ण होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है। पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है। प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है। 10 ग्राम पुदीना व 20 ग्राम गुड़ को 200 ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
पेट की गर्मी को कम करने के लिए पुदीने का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं से भी जल्द निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को पैर के तलवों जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पुदीने को पीसकर तलवों पर लगाना चाहिए ताकि तुरंत राहत मिल सके। इससे पैरों की गर्मी भी कम होगी।
सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने के साथ मिलाकर पीने पर पेट में होने वाली जलन दूर होगी और ठंडक मिलती है। गर्म हवाओं और लू से भी बचाव होता है।
अगर आपको अक्सर टॉंसिल्स की शिकायत रहती है और इसमें होने वाली सूजन से भी आप परेशान हैं तो पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर इस पानी से गरारे करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
गर्मी में पुदीने की चटनी का रोजाना सेवन सेहत से जुड़े कई फायदे देता है। पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।
पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। वहीं अगर आप लगातार हिचकी आने से परेशान हैं तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे।
पुदीने की पत्तियों का लेप करने से कई प्रकार के चर्म रोगों को खत्म किया जा सकता है। घाव भरने के लिए भी यह उत्तम है। इसके अलावा इसका लेप चेहरे पर लगाने से त्वचा की गर्मी समाप्त होगी और आप ताजगी का अनुभव करेंगे।
पुदीने का नियमित रूप से सेवन आपको पीलिया से बचाने में सक्षम है। वहीं मूत्र संबंधी रोगों के लिए भी पुदीने का प्रयोग बेहद लाभदायक है।
पीपरमेंट टी (पुदीने का अर्क)-
अगर आपको पीपरमेंट चाय पसंद है तो आप इसे ग्रीन टी के बदले कभी-कभी बदलकर पी सकते हैं। दोनों ही चाय पाचन को सुधारने में बहुत फायदेमंद है। पीपरमेंट के पत्तों का इस्तेमाल इस चाय को बनाने में किया जाता है। इसे गर्म या ठंडा पिया जा सकता है।
कैसे बनाएं पीपरमेंट टी-
इसे बनाने के लिए एक चम्मच ताजा या सूखी हुई पत्ती को उबलते हुए पानी में डाल दीजिए। इन्हें पानी में 4 से 5 मिनट के लिए रहने दीजिए और फिर छानकर चाहें तो शहद मिलाकर पीजिए।