दो वर्ष बाद आरोपियों ने अदालत में किया आत्मसमर्पण

2 वर्ष पुराने प्रकरण में नामजद पांच आरोपियों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद पांचो आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आरोपियों पर वाहन ट्रांसपोर्ट के हिसाब किताब में 10 लाख के घोटाले का आरोप है।

ग्राम गोरीखेड़ा, सितारगंज निवासी समसुल हक पुत्र मोहम्मद हक ने 15 अक्टूबर 2021 को दर्ज कराए मुकदमे में आरोप लगाया है कि उनकी सितारगंज सिडकुल में ट्रक एसोसिएशन के नाम से ट्रांसपोर्ट है। जहां वाहनों के परिवहन का कार्य होता है।

ट्रक एसोसिएशन के कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष में काम करने के लिए पंकज कुमार पुत्र सुंदरलाल निवासी कल्याणपुर, जमीर मलिक निवासी गोरीखेड़ा, संजीव शर्मा पुत्र ओमप्रकाश, लवजीत सिंह पुत्र चरणजीत सिंह निवासी पिपलिया नाथू, लवप्रीत सिंह पुत्र कमलजीत सिंह निवासी बढेरा थाना अमरिया, जिला पीलीभीत को नियुक्त किया गया था। आरोप है कि इन लोगों ने कोरोना काल का फायदा उठाकर हिसाब किताब में हेराफेरी की।

आरोपियों ने 10 लाख रुपए का गबन कर लिया। गबन का पता लगने के बाद उन्होंने पांचो आरोपितों को कार्य से निकाल दिया था। पीड़ित ने आरोप लगाया की सिडकुल स्थित पारले जी कंपनी ने ईमेल के जरिए आगे कार्य करने की सहमति उनसे मांगी थी। लेकिन 3 अगस्त 2021 को उनके कार्यालय के कर्मचारी लवप्रीत सिंह ने नुकसान पहुंचाने की नीयत से आगे कार्य न करने का ईमेल कंपनी को भेज दिया।

जिस कारण पार्ले कंपनी से उनका ठेका समाप्त कर दिया। उन्होंने बताया कि आरोपीतो के पास ऑफिशियल ईमेल आईडी थी। जिसका पासवर्ड भी उन्हीं के पास रहता था। जिस वजह से उन्होंने ट्रांसपोर्ट को आर्थिक नुकसान पहुंचाया। प्रकरण के करीब 2 साल बाद शनिवार को नामजद आरोपित पंकज कुमार, जमीर मलिक, संजीव शर्मा, लवजीत सिंह, लवप्रीत सिंह ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। वरिष्ठ उप निरीक्षक हरविंदर कुमार ने बताया कि न्यायालय से गबन के मामले में नामजत पांच आरोपितों के आत्मसमर्पण की सूचना मिली थी। अदालत ने पांच आरो9pपितों के आत्मसमर्पण के मामले में पुलिस फोर्स भेजने के आदेश दिए थे।