उधमसिंह नगर में किसानों ने नानकसागर डैम में जलसमाधि की चेतावनी

उधमसिंह नगर। नानक सागर जलाशय के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण के 62 साल बाद भी कृषि भूमि के काबिज खातेदारों को अधिकृत भूमि के बदले भूमि और मुआवजा नहीं मिला है।

किसानों और उनके वारिसों ने मुआवजा न मिलने पर नानकसागर डैम में जलसमाधि की चेतावनी दी है। गढी पट्टी, सिद्धा नबदिया, कैथुलिया, सुनखरी,रसोईया पुर,खाली महुउट, पिपलिया आदि गांव के किसान नानकसागर जलाशय बाऊली साहिब पर जमा हुए।

उन्होंने यूपी और उत्तराखंड सरकार के साथ ही सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के हाथ में आधार वर्ष 1366 फसली की खतौनी थी। कुलवंत सिंह ने बताया कि वर्ष 1961 में नानक सागर जलाशय के निर्माण के लिए देवीपुर माफी के साथ ही अन्य 14 गांव की कृषि भूमि तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिग्रहीत कर ली थी।

कुछ किसानों को जमीन के बदले यूपी के पीलीभीत जिले के पूरनपुर के भागीरथ एवं सिंघाड़ा उर्फ टाटर गंज कृषि भूमि एलॉट की। शेष किसान अपनी पैरवी सही तरह से नहीं कर पाए। जिसके चलते भूमि और मुआवजा नहीं मिल पाया।

उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग बरेली के ईई सहित यूपी प उत्तराखंड सरकार को ग्रामीणों की ओर से कई बार ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है।