कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने नमामि गंगे परियोजना के तहत बन रहे 10 एमएलडी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में खामी मिलने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कंपनी पर जुर्माना लगाने और इंजीनियरों की डिग्री और डिप्लोमा की जांच करने के निर्देश दिए।
दोराहा के पास निर्माणाधीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे कमिश्नर ने अधीक्षण अभियंता मृदुला सिंह से कहा कि कंपनी पर जुर्माना लगाएं। कंक्रीट निर्मित क्यूब मिट्टी में दबे होने पर कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाई गई।
रावत ने जेसीबी से मिट्टी हटवाकर क्यूब को देखा और रजिस्टर से मिलान भी किया। उन्होंने मौके पर चिह्नित क्यूब की गुणवत्ता की जांच कराई जो मानक के अनुसार नहीं मिले। इस पर आयुक्त ने पानी में रखे सभी क्यूब का जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से जांच कराने के दिए निर्देश दिए हैं।
इस मौके पर अधीक्षण अभियंता मृदुला सिंह, संयुक्त निदेशक अर्थ, संख्या राजेंद्र तिवारी, ईई ज्योति पालनी, कंपनी के साइड प्रबंधक मनीष, जेई वसीम खान, तहसीलदार अक्षय कुमार भट्ट आदि मौजूद रहे।
कमिश्नर ने निर्माण कर रही कंपनी के इंजीनियरों से जवाब तलब किया लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं देने पर वह नाराज हो गए। उन्होंने डिग्रियों और डिप्लोमा की जांच कराने के निर्देश दिए।
यह भी कहा कि डिग्री और डिप्लोमा की छाया प्रतियां निर्माणाधीन प्रोजेक्ट के ऑफिस पर जमा कर दें। आयुक्त ने जल निगम के अभियंताओं से कहा कि निर्माण कार्य पर नजर रखें और निर्माणाधीन प्रोजेक्ट का बीच-बीच में निरीक्षण भी करें।